केदार खान
Oct 22, 1935
12:00:00
Kabul
69 E 13
34 N 30
4.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
केदार खान के अन्दर विषय की गहराइयों को समझने की क्षमता है और केदार खान को उसी दिशा में कार्यक्षेत्र का चयन करना चाहिये। ये प्रोजेक्ट अपने केदार खान में पूर्ण होने चाहिये और उसे खत्म करने की कोई समय-सीमा या दवाब नहीें होनी चाहिये। उदाहरणार्थ, यदि केदार खान ‘इंटीरियर डीजाइन‘ को अपना कार्यक्षेत्र बनाते हैं, तो केदार खान के उपभोक्ताओं के पास प्रचुर धन होना चाहिये ताकि केदार खान अपना कार्य उत्तम तरीके से कर सकें।
केदार खान के अन्दर विचारों को शब्दों में व्यक्त करने की क्षमता है, अतः केदार खान एक पत्रकार, शिक्षक या भ्रमणशील सेल्समैन के रूप में जाने जाएंगे। केदार खान कुछ कहने से कभी नुकसान में नहीं रहेंगे। यह गुण केदार खान को अध्यापन में भी बेहतर बनाता है। लेकिन जब केदार खान का मन व्यग्र होता है, केदार खान का प्रदर्शन बहुतही खराब होता है। ऐसा कोई भी कार्य जिसमें तीव्र सोच की आवश्यकता होती है,केदार खान उसमें सफल होंगे। परन्तु यह एकसा कार्य नहीं होना चाहिए, अन्यथा केदार खान को गम्भीर असफलता का सामना करना पड़ेगा। केदार खान को परिवर्तन और विविधता पसन्द है, अतःकोई भी कार्य जिसमें केदार खान को देश-विदेश का भ्रमण करना पड़े, केदार खान के लिये उपयुक्त है। अपने लिये किया गया काम केदार खान के लिये बेहतर होगा, बजाय कि दूसरे के लिये। केदार खान स्वेच्छा से आना-जाना पसन्द करते हैं, अतः केदार खान को अपना स्वयं का कार्य करना चाहिए।
केदार खान की आर्थिक स्थिति बहुत ही विरोधाभासी होगी। पहले तो केदार खान का भाग्य बहुत अच्छा चलेगा, किन्तु बाद में उतने ही समय के लिये बिल्कुल विपरीत दिशा में चलेगा और कुछ भी ठीक न होता हुआ प्रतीत होगा। केदार खान को को सभी प्रकार के जुए व सट्टेबाजी से दूर रहना चाहिए और अपने खर्चीले स्वभाव पर नियन्त्र रखना चाहिए। केदार खान धन सम्बन्धी अनिश्चित परिस्थितियों में फंस सकते हैं। केदार खान आरम्भिक स्थिति में कुछ धन प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन केदार खान उसे रोक नहीं पाते हैं। केदार खान के विचार व युक्तियाँ केदार खान की पीढी से आगे के होते हैं। केदार खान को अनिश्चितताओं में लिप्त होने में आनन्द आता है, परन्तु अन्त में ये केदार खान को नुकसान देंगे। विद्युत, वायरलॅस, रेडियो, टीवी, चलचित्र, भवन-निर्माण वसाथ ही साहित्य या अन्य कोई कल्पनाशील रचना आदि से जुड़े हुए विचार केदार खान के लिये श्रेष्ठ हैं।