लता मंगेशकर
Sep 28, 1929
23:51:00
Indore
75 E 54
22 N 42
5.5
Kundli Sangraha (Tendulkar)
सटीक (स.)
प्रेम लता मंगेशकर के लिये भोजन की ही तरह आवश्यक है। लता मंगेशकर के अन्दर गहरे लगाव का विशेष गुण है, जोकि लता मंगेशकर को एक बेहतरीन जीवनसाथी बनाता है। लता मंगेशकर को अपने से निम्नवर्ग के व्यक्ति से विवाह नहीं करना चाहिए, क्योंकि लता मंगेशकर में इस तरह के संयोग को सफल बनाने की सहनशीलता नहीं है। लता मंगेशकर अत्यधिक सम्मोहक हैं और कलात्मक व्यक्तियों के साथ सम्बन्ध तलाशते हैं।
लता मंगेशकर के अन्दर प्रचुर ऊर्जा है। लता मंगेशकर हृष्ट-पुष्ट हैं व साधारणतः लता मंगेशकर किसी प्रकार के रोग से ग्रसित नहीं होंगे, जब तक कि लता मंगेशकर जरूरत से बहुत ज्यादा कार्य नहीं करते। सिर्फ इसलिये कि लता मंगेशकर मोमबत्ती को दोनों सिरों से जला सकते हैं, लता मंगेशकर को यह करने के बारे में नहीं सोचना चाहिए। लता मंगेशकर को अपने प्रति संयमी होना चाहिए और अपने स्वास्थ्य-कोष में से जरूरत से ज्यादा लेने का प्रयास नहीं करना चाहिए अन्यथा लता मंगेशकर जीवन के उत्तरार्ध में गम्भीर बीमारियों को निमन्त्रण दे सकते हैं। बीमारी यदि प्रायः नहीं आती है, तो अचानक ही आएगी। यद्यपि उसने परिपक्व होने में काफी लम्बा समय लिया होगा। लता मंगेशकर थोड़ा सा दिमाग लगाने पर पाएंगे कि लता मंगेशकर ने रोग को स्वयं ही आमन्त्रित किया है। इसमें कोई शक नहीं है कि लता मंगेशकर उससे बच सकते थे। लता मंगेशकर के नेत्र लता मंगेशकर की कमजोरी हैं और कृपया उसका ख्याल रखें। लता मंगेशकर पैंतीस की उम्र के बाद नेत्र-विकार से ग्रसित हो सकते हैं।
लता मंगेशकर के कई शौक हैं और लता मंगेशकर इन शौकों से ओत-प्रोत हैं। परन्तु अचानक ही लता मंगेशकर धैर्य खो देते हैं व उन्हें एक तरफ कर देते हैं । फिर लता मंगेशकर कोई नया शौक चुन लेते हैं और उसका भी यही हश्र होता है। लता मंगेशकर जीवन को इसी तरह से जीते जाते हैं। सारांशतः लता मंगेशकर की अभिरुचियां लता मंगेशकर को पर्याप्त आनन्द देती हैं, साथ ही लता मंगेशकर को बहुत कुछ सीखने का मौका भी देती हैं।