महेश बाबू
Aug 9, 1975
12:00:00
Chennai
80 E 18
13 N 5
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
महेश बाबू के अनुसार विवाह जीवन का हिस्सा है, जिसे घटित होना ही है। साधारणतः महेश बाबू विवाह-बन्धन से अधिक मित्रता को मानते। सामान्यतः, महेश बाबू प्रेम पत्र नहीं लिखेंगे और जितना कम रोमांस महेश बाबू के प्रेम प्रसंग में आएगा, उतना ही अच्छा है। पर इससे ये निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए कि विवाह के प्रति महेश बाबू का दृष्टिकोण सम्बन्ध-विच्छेद से प्रभावित है। इसके विपरीत यदि एक बार महेश बाबू विवाह बन्धन में बंध गये, तो महेश बाबू इस सम्बन्ध को सामंजस्यव मानवतापूर्ण बनाने का प्रयास करेंगे, जोकि विवाह के कई सालों बाद भी जारी रहेगा।
महेश बाबू शारीरिक रूप से शक्तिशाली हैं लेकिन जरूरत से ज्यादा कार्य महेश बाबू की समस्या है। महेश बाबू जो भी कुछ करते हैं, बहुत ज्यादा मानसिक दवाब में करते हैं, अन्ततः महेश बाबू अपने कर्म का पूर्ण फल प्राप्त करते हैं। अपने बॉस के द्वारा प्रशंसा की गई स्थिति के बाद ज्यादा उत्तेजित ना हों । महेश बाबू को अपने कार्यो मे शान्ति बरतनी चाहिये, जीवन में और भी मिठास दिखाई देगा । सैर व भोजन में थोड़ा अधिक समय देना चाहिये। जितना संभव हो सके अपने अंदर के आलस को दूर करें और साथ ही ओवरटाइम’ कार्य के प्रति सजग भी रह सकते हैं । लम्बी छुट्टियाँ लेने से बचें । जब बीमारी आएगी, तो महेश बाबू का हृदय महेश बाबू को परेशानी देने वाला प्रथम अंग होगा। जिसे महेश बाबू दूर करने में सजग रहेंगे। यदि महेश बाबू ने अत्यधिक कार्य किया है तो समाज महेश बाबू को सम्मानित करेगा ।
फुरसत के लम्हे महेश बाबू के लिये विशेष महत्व रखता है तथा महेश बाबू उन लम्हों को नष्ट नहीं करना चाहते, चाहे महेश बाबू कितने भी व्यस्त क्यों न हों। निश्चय ही यह महेश बाबू की बुद्धिमत्ता है, कि महेश बाबू अपने समय का अधिकतम भाग खुली हवा में बिताना चाहते हैं। महेश बाबू थकावट भरे खेल पसन्द नहीं करते हैं। लेकिन सैर, फिशिंग, अध्ययन जैसे समय बिताने के कार्य महेश बाबू को पसन्द हैं।