महमूदुल्लाह
Feb 4, 1986
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Mymensingh
90 E 24
24 N 45
6
Web
संदर्भ (स.)
महमूदुल्लाह जीवन को सिर्फ अपने दृष्टिकोण से देखते हैं, महमूदुल्लाह की आयु जैसे-जैसे बढ़ेगी, महमूदुल्लाह को अपने सुख और दुःख बांटने के लिये एक जीवनसाथी की आवश्यकता महसूस होगी। महमूदुल्लाह ‘अपने-घर‘ के सिद्धान्त को मानते हैं और विवाह को इसके क्रियान्वयन का मुख्य साधन मानते हैं। महमूदुल्लाह का घर महमूदुल्लाह के लिये ईश्वर-स्वरूप होगा। महमूदुल्लाह सदैव अपने बच्चों की चाहत रखेंगे, क्योंकि उनके बगैर महमूदुल्लाह कभी भी पूूर्णरूप से खुश नहीं रह पाएंगे। निश्चित तौर पर महमूदुल्लाह प्रेम के लिये विवाह करेंगे पर जैसे-जैसे समय बीतता जाएगा, महमूदुल्लाह अपने जीवनसाथी के बारे में ज्यादा से ज्यादा सोचना आरम्भ कर देंगे। और अन्त में ऐसा समय आएगा, जहां महमूदुल्लाह के लिये अपने जीवनसाथी से एक या दो दिन के लिये भी अलग रहना सम्भव नहीं होगा।
महमूदुल्लाह के लिये आराम की विशेष महत्ता है। परिणामस्वरूप, महमूदुल्लाह स्वादलोलुप हैं और भोजन का पूर्ण आनन्द उठाते हैं। निश्चित तौर पर महमूदुल्लाह जीने के लिये नहीं खाते, अपितु खाने के लिये जीते हैं। इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि पाचन-तन्त्र महमूदुल्लाह के शरीर का ऐसा भाग है, जो महमूदुल्लाह को सर्वाधिक परेशानी देगा। महमूदुल्लाह को अपच जैसी बीमारियों को अनदेखा नहीं करना चाहिए और जब वे आती हैं, तो उन्हें दवाओं के द्वारा ठीक करने का प्रयत्न नहीं करना चाहिए। महमूदुल्लाह को सैर एवं हल्का व्यायाम करना चाहिए। हमारी महमूदुल्लाह को यह सलाह है कि महमूदुल्लाह पर्याप्त ताजी हवा लें, भोजन पर नियन्त्रण रखें और फलों का सेवन करें। परन्तु यदि फिर भी कोई लाभ न हो, तो चिकित्सक के पास जाने से न झिझकें। पचास साल की आयु के पश्चात् आलस्य जैसे रोगों से दूर रहें। महमूदुल्लाह की चीजों को छोड़ने की आदत के कारण महमूदुल्लाह जिन्दगी से दूर होत जाएंगे। अपनी वस्तुओं में रूचि रखें, अपनी रुचियों का विकास करें एवं ध्यान रखें कि अगरमहमूदुल्लाह युवा-मण्डली में रहते हैं, तो महमूदुल्लाह कभी भी उम्र का शिकार नहीं होेते।
महमूदुल्लाह के कई शौक हैं और महमूदुल्लाह इन शौकों से ओत-प्रोत हैं। परन्तु अचानक ही महमूदुल्लाह धैर्य खो देते हैं व उन्हें एक तरफ कर देते हैं । फिर महमूदुल्लाह कोई नया शौक चुन लेते हैं और उसका भी यही हश्र होता है। महमूदुल्लाह जीवन को इसी तरह से जीते जाते हैं। सारांशतः महमूदुल्लाह की अभिरुचियां महमूदुल्लाह को पर्याप्त आनन्द देती हैं, साथ ही महमूदुल्लाह को बहुत कुछ सीखने का मौका भी देती हैं।