मार्क ट्वेन
Nov 30, 1835
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91 W 46, 39 N 28
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संदर्भ (स.)
क्योंकि मार्क ट्वेन जीवन की प्रत्येक घटना के प्रति संवेदनशील हैं, मार्क ट्वेन कम झंझट और दवाब वाला काम पसन्द करते हैं। जीवन में कार्यक्षेत्र के चयन के लिये मार्क ट्वेन अपनी अन्तरात्मा की आवाज सुनें और उसी दिशा में कार्य करें।
मार्क ट्वेन ऐसे किसी कार्य से प्रसन्न नहीं रहेंगे जो नीरस और सुरक्षित हो। जब तक कि मार्क ट्वेन का कार्य मार्क ट्वेन के लिये नित नई परेशानियां सुलझाने के लिये नहीं लाता, मार्क ट्वेन संतुष्ट नहीं होंगे। परन्तु ऐसा कुछ भी जिसमें खतरे का थोड़ा सा तड़का हो वह मार्क ट्वेन को और अधिक प्रसन्न करेगा। सर्जन,कन्सट्रक्शन इंजीनियर और उच्चतर प्रबन्धन आदि, इस तरह के कार्यक्षेत्र के कुछ उदाहरण हैं। सर्जन का कार्य मार्क ट्वेन को इसलिये आकर्षित करता है क्योंकि लोगों की जिन्दगियां व मार्क ट्वेन की स्वयं की प्रतिष्ठा मार्क ट्वेन के कार्य पर हमेशा ही निर्भर करती हैं। एक कन्सट्रक्शन इंजीनियर को हमेशा ही निर्माण सम्बन्धी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। हमारे कहने का आश्रय यह है कि ऐसा कोई कार्य जिसमें अत्यधिक क्षमता की जरूरज हो व हमेशा खतरों की सम्भावना हो।
मार्क ट्वेन अपने व्यावसायिक भागीदारों के सम्बन्ध में भाग्यशाली नहीं रहेंगे। मार्क ट्वेन अपने भविष्य को स्वतः ही बनाएंगे एवं मार्क ट्वेन को दूसरों से अधिक सहायता नहीं मिलेगी। लेकिन मार्क ट्वेन की असफलता का कोई कारण प्रतीत नहीं होता और यहां तक कि मार्क ट्वेन पैसे वाले होंगे। आर्थिक मामलों में मार्क ट्वेन का तीक्ष्ण दिमाग मार्क ट्वेन को कई सुअवसर दिलवाएगा। कभी-कभी मार्क ट्वेन अत्यन्त धनवान होंगे और कभी इसके विपरीत होगा। जब मार्क ट्वेन के पास धन होगा, तो मार्क ट्वेन खर्चीले स्वभाव के होंगे और जब नहीं होगा तो मार्क ट्वेन उस परिस्थिति के अनुकूल हो जाएंगे। वस्तुतः, मार्क ट्वेन स्वाभाविक तौर पर लोगों को व परिस्थितियों को शीघ्र स्वीकार कर लेते हैं, जो कि खतरनाक है। अगर मार्क ट्वेन इस बात का ध्यान रखेंगे,तो मार्क ट्वेन किसी भी उद्योग या व्यापार में सफल होंगे।