मास्टर विनायक
Jan 19, 1906
21:15:00
Kolhapur
74 E 13
16 N 42
5.5
Kundli Sangraha (Bhat)
सटीक (स.)
प्रेम सम्बन्धों में भी मास्टर विनायक उतने ही ऊर्जावान होंगे, जितने कि मास्टर विनायक काम एवं खेल में हैं। एक बार मास्टर विनायक प्यार में पड़ गये, तो मास्टर विनायक अपने चहेते को प्रतिपल अपने पास रखना चाहेंगे। हालांकि मास्टर विनायक अपने कार्य की अनदेखी नहीं करेंगे, परन्तु एक बार वो खत्म हो गया तो मास्टर विनायक अपने प्रिय से मिलने को निकल पड़ेंगे। जब मास्टर विनायक का विवाह हो जाएगा तो मास्टर विनायक अपने घर पर अधिक ध्यान देंगे। मास्टर विनायक अक्सर जीवनसाथी की व्यापारिक मामलों में मदद करेंगे।
मास्टर विनायक की स्वास्थ्य-संरचना बहुत अच्छी है, लेकिन मास्टर विनायक स्नायु-विकार एवं अपच से पीडि़त रह सकते हैं। पहले का कारण मास्टर विनायक की जरूरत से ज्यादा संवेदनशील प्रकृति है। मास्टर विनायक अपेक्षाकृत शीघ्रता से अपनी जीवन-ऊर्जा खो देते है और वह जीवन, मास्टर विनायक जिसका आनन्द लेते हैं, इसमें मास्टर विनायक की कोई मदद नहीं करता। अति भोग, अपच का मुख्य कारण है। अपच का मुख्य कारण अधिकता में लिया गया भोजन है। जो मास्टर विनायक खाते हैं, या तो वह बहुत भारी होता है या दिन में बहुत देरी से लिया हुआ होता है।
यात्रा मास्टर विनायक के लिये समय व्यतीत करने का सर्वोत्तम साधन है, काश कि मास्टर विनायक के पास खुले दिल से इसमें लगाने के लिये समय एवं धन होता।मास्टर विनायक को कम से ही सन्तुष्ट होना सीखना चाहिए। ताश खेलना आनन्ददायी है और इसमें कोई शक नहीं है कि मास्टर विनायक को वस्तुएं निर्मित करने में एक अलग मजा आता है,चाहे वो वायरलॅस सेट बनाना हो या फोटोग्राफिक प्रिण्ट लेना।