मीनाक्षी शेषाद्रि
Nov 16, 1963
12:00:00
Dhanbad
86 E 32
23 N 47
5.5
Dirty Data
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
क्योंकि मीनाक्षी शेषाद्रि सिक्के के दौनों पहलू देखना जानते हैं,विधि एवं कानून मीनाक्षी शेषाद्रि के लिये सर्वोत्तम कार्यक्षेत्र हैं। मीनाक्षी शेषाद्रि श्रमिक-मध्यस्थ की तरह या ऐसा कोई भी कार्यक्षेत्र जहां मीनाक्षी शेषाद्रि के पास शान्ति एवं सद्भाव बनाये रखने का कार्य हो, बेहतर करेंगे। मीनाक्षी शेषाद्रि उन कार्यक्षेत्रों से दूर रहें जहां मीनाक्षी शेषाद्रि को तुरन्त एवं बारम्बार निर्णय लेना पड़ता हो क्योंकि ऐसा करने में मीनाक्षी शेषाद्रि को कठनाई महसूस होगी।
मीनाक्षी शेषाद्रि ऐसे किसी कार्य से प्रसन्न नहीं रहेंगे जो नीरस और सुरक्षित हो। जब तक कि मीनाक्षी शेषाद्रि का कार्य मीनाक्षी शेषाद्रि के लिये नित नई परेशानियां सुलझाने के लिये नहीं लाता, मीनाक्षी शेषाद्रि संतुष्ट नहीं होंगे। परन्तु ऐसा कुछ भी जिसमें खतरे का थोड़ा सा तड़का हो वह मीनाक्षी शेषाद्रि को और अधिक प्रसन्न करेगा। सर्जन,कन्सट्रक्शन इंजीनियर और उच्चतर प्रबन्धन आदि, इस तरह के कार्यक्षेत्र के कुछ उदाहरण हैं। सर्जन का कार्य मीनाक्षी शेषाद्रि को इसलिये आकर्षित करता है क्योंकि लोगों की जिन्दगियां व मीनाक्षी शेषाद्रि की स्वयं की प्रतिष्ठा मीनाक्षी शेषाद्रि के कार्य पर हमेशा ही निर्भर करती हैं। एक कन्सट्रक्शन इंजीनियर को हमेशा ही निर्माण सम्बन्धी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। हमारे कहने का आश्रय यह है कि ऐसा कोई कार्य जिसमें अत्यधिक क्षमता की जरूरज हो व हमेशा खतरों की सम्भावना हो।
मीनाक्षी शेषाद्रि के जीवन में वित्त सम्बन्धी कई उतार-चढ़ाव आएंगे, मुख्यतः मीनाक्षी शेषाद्रि की जल्दबाजी एवं अपनी क्षमता से अधिक का काम करने के कारण।मीनाक्षी शेषाद्रि एक सफल कम्पनी प्रमोटर, शिक्षक, वक्ता या आयोजक हो सकते हैं। मीनाक्षी शेषाद्रि के अन्दर सदैव से ही पैसा बनाने की क्षमता है, लेकिन साथ ही साथ इस दौरान मीनाक्षी शेषाद्रि के कई शत्रु बन सकते हैं। मीनाक्षी शेषाद्रि के व्यापार व उद्योग से अच्छी धनार्जन की उम्मीद है और मीनाक्षी शेषाद्रि के जीवन में असीम धनार्जन की अनेक अवसर आएंगे यदि मीनाक्षी शेषाद्रि अपनी इच्छा शक्ति पर काबू रखते हैं। जो कि समय-समय पर खर्चीले मुकदमों या मीनाक्षी शेषाद्रि के शक्तिशाली शत्रुओं की वजह से मीनाक्षी शेषाद्रि के हाथ से जा सकते हैं। अतः मीनाक्षी शेषाद्रि को लोगों के नियंत्रण की विद्या सीखने का प्रयास करना चाहिये एवं मतभेदों से भी बचना चाहिये।