मोरी बापू
Sep 25, 1946
6:00:00
Mahuva
71 E 48
21 N 5
5.5
The Times Select Horoscopes
सटीक (स.)
क्योंकि मोरी बापू धैर्यवान हैं और मोरी बापू एक स्थिर कार्य चाहते हैं, इसलिये मोरी बापू को जल्दबाजी की कोई आवश्यकता नहीं है। मोरी बापू को बैंकिंग,सरकारी सेवा, बीमा क्षेत्र जैसे क्षेत्रों में भाग्य आजमाइश करनी चाहिए जहां पर परिवर्तन धीरे-धीरे एवं सुनिश्चित तौर पर होता हो। मोरी बापू इस प्रकार के कार्य में न सिर्फ लम्बी दौड़ में बेहतर प्रदर्शन करेंगे बल्कि मोरी बापू को उसके भीतर देखने का धैर्य और साहस भी है।
मोरी बापू का मानवीय स्वभाव और दूसरों के दुःख-दर्द दूर करने की इच्छा के कारण चिकित्सा कार्यक्षेत्र या ‘नर्सिंग‘ (यदि मोरी बापू स्त्री हैं) मोरी बापू के लिये उपयुक्त है। इन दोनों में ही मोरी बापू अपनी आकांक्षा को प्राप्त कर पाएंगे और संसार में निश्चय ही अच्छा एवं उपयोगी कार्य कर पाएंगे। यदि मोरी बापू ये कार्यक्षेत्र नहीं भी अपना पाते हैं, तो भी मोरी बापू के मिजाज के अनुरूप अन्य कई सम्भावनाएं हैं। एक शिक्षक के तौर पर मोरी बापू बहुत अच्छा कार्य कर सकते हैं। एक प्रबन्धक के तौर पर मोरी बापू अपने कर्तव्यों का निर्वाहन ठीक ढंग से कर पाएंगे औैर मोरी बापू के सहकर्मी मोरी बापू के आदेशानुसार कार्य करेंगे,क्योंकि वे जानते हैं कि मोरी बापू एक अच्छे मित्र हैं। इसके अलावा भी मोरी बापू विभिन्न कार्यक्षेत्रों में अच्छा जीवन यापन कर सकते हैं, मुख्यतः साहित्यिक एवं कलात्मक अभिव्यक्ति, जिसका मिश्रण मोरी बापू को एक बेहतर लेखक बनाता है। मोरी बापू टीवी और फिल्म के लिये एक बेहतर अभिनेता भी हो सकते हैं। यदि मोरी बापू इस तरह के कार्य क्षेत्रों का चुनाव करते हैं, तो मोरी बापू अपने धन व समय को सामाजिक कार्यों में भी लगाएंगे।
मोरी बापू के जीवन में वित्त सम्बन्धी कई उतार-चढ़ाव आएंगे, मुख्यतः मोरी बापू की जल्दबाजी एवं अपनी क्षमता से अधिक का काम करने के कारण।मोरी बापू एक सफल कम्पनी प्रमोटर, शिक्षक, वक्ता या आयोजक हो सकते हैं। मोरी बापू के अन्दर सदैव से ही पैसा बनाने की क्षमता है, लेकिन साथ ही साथ इस दौरान मोरी बापू के कई शत्रु बन सकते हैं। मोरी बापू के व्यापार व उद्योग से अच्छी धनार्जन की उम्मीद है और मोरी बापू के जीवन में असीम धनार्जन की अनेक अवसर आएंगे यदि मोरी बापू अपनी इच्छा शक्ति पर काबू रखते हैं। जो कि समय-समय पर खर्चीले मुकदमों या मोरी बापू के शक्तिशाली शत्रुओं की वजह से मोरी बापू के हाथ से जा सकते हैं। अतः मोरी बापू को लोगों के नियंत्रण की विद्या सीखने का प्रयास करना चाहिये एवं मतभेदों से भी बचना चाहिये।