मुरलीधरन गौतम
Mar 8, 1986
12:0:0
Bangalore
77 E 35
13 N 0
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
मुरलीधरन गौतम के अनुसार विवाह जीवन का हिस्सा है, जिसे घटित होना ही है। साधारणतः मुरलीधरन गौतम विवाह-बन्धन से अधिक मित्रता को मानते। सामान्यतः, मुरलीधरन गौतम प्रेम पत्र नहीं लिखेंगे और जितना कम रोमांस मुरलीधरन गौतम के प्रेम प्रसंग में आएगा, उतना ही अच्छा है। पर इससे ये निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए कि विवाह के प्रति मुरलीधरन गौतम का दृष्टिकोण सम्बन्ध-विच्छेद से प्रभावित है। इसके विपरीत यदि एक बार मुरलीधरन गौतम विवाह बन्धन में बंध गये, तो मुरलीधरन गौतम इस सम्बन्ध को सामंजस्यव मानवतापूर्ण बनाने का प्रयास करेंगे, जोकि विवाह के कई सालों बाद भी जारी रहेगा।
मुरलीधरन गौतम की स्वास्थ्य-संरचना बहुत अच्छी है, लेकिन मुरलीधरन गौतम स्नायु-विकार एवं अपच से पीडि़त रह सकते हैं। पहले का कारण मुरलीधरन गौतम की जरूरत से ज्यादा संवेदनशील प्रकृति है। मुरलीधरन गौतम अपेक्षाकृत शीघ्रता से अपनी जीवन-ऊर्जा खो देते है और वह जीवन, मुरलीधरन गौतम जिसका आनन्द लेते हैं, इसमें मुरलीधरन गौतम की कोई मदद नहीं करता। अति भोग, अपच का मुख्य कारण है। अपच का मुख्य कारण अधिकता में लिया गया भोजन है। जो मुरलीधरन गौतम खाते हैं, या तो वह बहुत भारी होता है या दिन में बहुत देरी से लिया हुआ होता है।
समय व्यतीत करने के ऊर्जावान तरीके मुरलीधरन गौतम को आकर्षित करते हैं और वो मुरलीधरन गौतम का सर्वाधिक भला भी करते हैं। तीव्र खेल जैसे फुटबाॅल और टेनिस इत्यादि मुरलीधरन गौतम की ऊर्जा के उपयोग के लिये बेहतरीन खेल हैं और मुरलीधरन गौतम इसके पूर्णतः अनुकूल हैं। मुरलीधरन गौतम मध्य आयु में सैर करना पसन्द करेंगे, लेकिन मुरलीधरन गौतम चार की जगह चैदह मील की सोचेंगे। अवकाश काल में मुरलीधरन गौतम हाथ में समाचार पत्र लिये बैंच पर बैठकर सिर्फ भोजन की प्रतीक्षा नहीं कर सकते। सबसे दूरस्थ पहाडि़यां मुरलीधरन गौतम को आकर्षित करती हैं और मुरलीधरन गौतम यह जानना चाहते हैं कि वे पास से कैसी दिखती हैं।