नाना पाटेकर
Jan 1, 1951
21:50:0
Dadar
72 E 51
19 N 1
5.5
Kundli Sangraha (Tendulkar)
सटीक (स.)
प्रेम सम्बन्धों में भी नाना पाटेकर उतने ही ऊर्जावान होंगे, जितने कि नाना पाटेकर काम एवं खेल में हैं। एक बार नाना पाटेकर प्यार में पड़ गये, तो नाना पाटेकर अपने चहेते को प्रतिपल अपने पास रखना चाहेंगे। हालांकि नाना पाटेकर अपने कार्य की अनदेखी नहीं करेंगे, परन्तु एक बार वो खत्म हो गया तो नाना पाटेकर अपने प्रिय से मिलने को निकल पड़ेंगे। जब नाना पाटेकर का विवाह हो जाएगा तो नाना पाटेकर अपने घर पर अधिक ध्यान देंगे। नाना पाटेकर अक्सर जीवनसाथी की व्यापारिक मामलों में मदद करेंगे।
जबकि नाना पाटेकर हृष्ट-पुष्ट नहीं हैं, कुछ ऐसे कारण हैं, जो नाना पाटेकर को अपने स्वास्थ्य के प्रति सोचने के लिये बाध्य करते हैं। नाना पाटेकर की मुख्य बीमारी वास्तविक के स्थान पर काल्पनिक होगी, तथापि यह नाना पाटेकर के लिये अनावश्यक उत्तेजना का कारण बनेगी। नाना पाटेकर अपने अन्दर बार-बार झांकते हैं व आश्चर्य करते हैं कि ऐसा क्यों हुआ, जबकि वास्तविकता में दुबारा भी सोचने वाली कोई बात नहीं होती है। नाना पाटेकर चिकित्सा सम्बन्धी पुस्तकें पढ़ते हैं और स्वतः ही खतरनाक बीमारी के लक्षण इजाद कर लेते हैं। नाना पाटेकर क कभी-कभी गले की समस्या से पीडि़त हो सकते हैं। चिकित्सक द्वारा बताई गईं दवाओं के अतिरिक्त अन्य प्रकार की दवाओं का सेवन न करें। हमारी नाना पाटेकर को सलाह है कि नैसर्गिक जीवन जिएं, पर्याप्त नींद लें, पर्याप्त व्यायाम करें तथा विचारपूर्वक भोजन करें।
फुरसत के लम्हे नाना पाटेकर के लिये विशेष महत्व रखता है तथा नाना पाटेकर उन लम्हों को नष्ट नहीं करना चाहते, चाहे नाना पाटेकर कितने भी व्यस्त क्यों न हों। निश्चय ही यह नाना पाटेकर की बुद्धिमत्ता है, कि नाना पाटेकर अपने समय का अधिकतम भाग खुली हवा में बिताना चाहते हैं। नाना पाटेकर थकावट भरे खेल पसन्द नहीं करते हैं। लेकिन सैर, फिशिंग, अध्ययन जैसे समय बिताने के कार्य नाना पाटेकर को पसन्द हैं।