Narsing Rao
Jun 28, 1921
13:00:00
Varangal
78 E 26
17 N 22
5.5
Lagna Phal (Garg)
संदर्भ (स.)
Narsing Rao का कार्यक्षेत्र बहुआयामी और बौद्धिक होना चाहिए। Narsing Rao को एक समय में एकाधिक कार्य करना पसन्द है और सम्भवतः Narsing Rao के एकाधिक व्यवसाय होंगे।
Narsing Rao का मानवीय स्वभाव और दूसरों के दुःख-दर्द दूर करने की इच्छा के कारण चिकित्सा कार्यक्षेत्र या ‘नर्सिंग‘ (यदि Narsing Rao स्त्री हैं) Narsing Rao के लिये उपयुक्त है। इन दोनों में ही Narsing Rao अपनी आकांक्षा को प्राप्त कर पाएंगे और संसार में निश्चय ही अच्छा एवं उपयोगी कार्य कर पाएंगे। यदि Narsing Rao ये कार्यक्षेत्र नहीं भी अपना पाते हैं, तो भी Narsing Rao के मिजाज के अनुरूप अन्य कई सम्भावनाएं हैं। एक शिक्षक के तौर पर Narsing Rao बहुत अच्छा कार्य कर सकते हैं। एक प्रबन्धक के तौर पर Narsing Rao अपने कर्तव्यों का निर्वाहन ठीक ढंग से कर पाएंगे औैर Narsing Rao के सहकर्मी Narsing Rao के आदेशानुसार कार्य करेंगे,क्योंकि वे जानते हैं कि Narsing Rao एक अच्छे मित्र हैं। इसके अलावा भी Narsing Rao विभिन्न कार्यक्षेत्रों में अच्छा जीवन यापन कर सकते हैं, मुख्यतः साहित्यिक एवं कलात्मक अभिव्यक्ति, जिसका मिश्रण Narsing Rao को एक बेहतर लेखक बनाता है। Narsing Rao टीवी और फिल्म के लिये एक बेहतर अभिनेता भी हो सकते हैं। यदि Narsing Rao इस तरह के कार्य क्षेत्रों का चुनाव करते हैं, तो Narsing Rao अपने धन व समय को सामाजिक कार्यों में भी लगाएंगे।
Narsing Rao की आर्थिक स्थिति बहुत ही विरोधाभासी होगी। पहले तो Narsing Rao का भाग्य बहुत अच्छा चलेगा, किन्तु बाद में उतने ही समय के लिये बिल्कुल विपरीत दिशा में चलेगा और कुछ भी ठीक न होता हुआ प्रतीत होगा। Narsing Rao को को सभी प्रकार के जुए व सट्टेबाजी से दूर रहना चाहिए और अपने खर्चीले स्वभाव पर नियन्त्र रखना चाहिए। Narsing Rao धन सम्बन्धी अनिश्चित परिस्थितियों में फंस सकते हैं। Narsing Rao आरम्भिक स्थिति में कुछ धन प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन Narsing Rao उसे रोक नहीं पाते हैं। Narsing Rao के विचार व युक्तियाँ Narsing Rao की पीढी से आगे के होते हैं। Narsing Rao को अनिश्चितताओं में लिप्त होने में आनन्द आता है, परन्तु अन्त में ये Narsing Rao को नुकसान देंगे। विद्युत, वायरलॅस, रेडियो, टीवी, चलचित्र, भवन-निर्माण वसाथ ही साहित्य या अन्य कोई कल्पनाशील रचना आदि से जुड़े हुए विचार Narsing Rao के लिये श्रेष्ठ हैं।