पंकज कपूर
May 29, 1954
12:0:0
Ludhiana
75 E 52
30 N 56
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
पंकज कपूर के अनुसार विवाह जीवन का हिस्सा है, जिसे घटित होना ही है। साधारणतः पंकज कपूर विवाह-बन्धन से अधिक मित्रता को मानते। सामान्यतः, पंकज कपूर प्रेम पत्र नहीं लिखेंगे और जितना कम रोमांस पंकज कपूर के प्रेम प्रसंग में आएगा, उतना ही अच्छा है। पर इससे ये निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए कि विवाह के प्रति पंकज कपूर का दृष्टिकोण सम्बन्ध-विच्छेद से प्रभावित है। इसके विपरीत यदि एक बार पंकज कपूर विवाह बन्धन में बंध गये, तो पंकज कपूर इस सम्बन्ध को सामंजस्यव मानवतापूर्ण बनाने का प्रयास करेंगे, जोकि विवाह के कई सालों बाद भी जारी रहेगा।
पंकज कपूर के अन्दर प्रचुर ऊर्जा है। पंकज कपूर हृष्ट-पुष्ट हैं व साधारणतः पंकज कपूर किसी प्रकार के रोग से ग्रसित नहीं होंगे, जब तक कि पंकज कपूर जरूरत से बहुत ज्यादा कार्य नहीं करते। सिर्फ इसलिये कि पंकज कपूर मोमबत्ती को दोनों सिरों से जला सकते हैं, पंकज कपूर को यह करने के बारे में नहीं सोचना चाहिए। पंकज कपूर को अपने प्रति संयमी होना चाहिए और अपने स्वास्थ्य-कोष में से जरूरत से ज्यादा लेने का प्रयास नहीं करना चाहिए अन्यथा पंकज कपूर जीवन के उत्तरार्ध में गम्भीर बीमारियों को निमन्त्रण दे सकते हैं। बीमारी यदि प्रायः नहीं आती है, तो अचानक ही आएगी। यद्यपि उसने परिपक्व होने में काफी लम्बा समय लिया होगा। पंकज कपूर थोड़ा सा दिमाग लगाने पर पाएंगे कि पंकज कपूर ने रोग को स्वयं ही आमन्त्रित किया है। इसमें कोई शक नहीं है कि पंकज कपूर उससे बच सकते थे। पंकज कपूर के नेत्र पंकज कपूर की कमजोरी हैं और कृपया उसका ख्याल रखें। पंकज कपूर पैंतीस की उम्र के बाद नेत्र-विकार से ग्रसित हो सकते हैं।
पंकज कपूर के कई शौक हैं और पंकज कपूर इन शौकों से ओत-प्रोत हैं। परन्तु अचानक ही पंकज कपूर धैर्य खो देते हैं व उन्हें एक तरफ कर देते हैं । फिर पंकज कपूर कोई नया शौक चुन लेते हैं और उसका भी यही हश्र होता है। पंकज कपूर जीवन को इसी तरह से जीते जाते हैं। सारांशतः पंकज कपूर की अभिरुचियां पंकज कपूर को पर्याप्त आनन्द देती हैं, साथ ही पंकज कपूर को बहुत कुछ सीखने का मौका भी देती हैं।