पसुपथ्य
May 18, 1969
12:00:00
Chennai
80 E 18
13 N 5
5.5
Dirty Data
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
जहां तक पसुपथ्य जैसे लोगों का प्रश्न है, आध्यात्मिक प्रेम का कोई अस्तित्व नहीं है। पसुपथ्य प्रेम में अत्यधिक व्यग्र होते हैं। यदि पसुपथ्य ने एकबार व्यक्त कर दिया, तो पसुपथ्य अपने लगाव से विमुख नहीं होते हैं। यद्यपि, विरोधी की भूमिका में जो कोई भी हो, पसुपथ्य उससे बलपूर्वक निपटते हैं।
यह कहना ठीक नहीं होगा कि पसुपथ्य हृष्ट-पुष्ट हैं। लेकिन इसका कोई कारण नहीं है कि पसुपथ्य दीर्घायु नहीं हो सकतेय बस थोड़ी सावधानी बरतने की आवश्यकता है। दो रोग ध्यान देने योग्य हैं - अपच व गठिया। अपच से बचने के लिसे भोजन लेते वक्त जल्दबाजी न करें तथा शान्ति पूर्वक भोजन लें। साथ हीे भोजन को सही समय पर लें। गठिया से बचने के लिये ध्यान रखें कि पसुपथ्य अपने जोड़ों को आर्द्र वायु, ठण्डी हवाओं और गीलेपन आदि से दूर रखें।
पसुपथ्य के अन्दर वस्तुएं एकत्रित करने की भावना अत्यधिक विकसित हैय जैसे चीनी मिट्टी की वस्तुएं, डाक टिकट, पुराने सिक्के या कुछ भी।इससे अधिक पसुपथ्य को पुरानी वस्तुएं फेंकने या छोड़ने में मुश्किल महसूस होगी। पसुपथ्य को सदैव यह लगता है कि भविष्य में पसुपथ्य को इनकी आवश्यकता पड़ेगी। पसुपथ्य जन्मजात संग्रह के शौकीन हैं। पसुपथ्य के ऐसे ही अन्य शौक प्रायः इन्डोर होंगे न कि आउटडोर। पसुपथ्य के अन्दर कार्य करने का धैर्य है और यदि पसुपथ्य के अन्दर क्षमता नहीं है,तो पसुपथ्य उसे आसानी से अर्जित कर लेते हैं।