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पसुपथ्य शनि साढ़ेसाती रिपोर्ट

नाम पसुपथ्य
जन्म तिथि 18 : 5 : 1969 जन्म समय 12 : 0 : 0
जन्म स्थान Chennai
लिंग पुरुष तिथि द्वितीया
राशि वृषभ नक्षत्र मृगशिरा
क्र.सं साढ़ेसाती / पनौती शनि राशि आरंभ दिनांक अंत दिनांक चरण
1 साढ़े साती मेष 03/08/1969 04/27/1971 उदय
2 साढ़े साती वृषभ 04/28/1971 06/10/1973 शिखर
3 साढ़े साती मिथुन 06/11/1973 07/23/1975 अस्त
4 छोटी पनौती सिंह 09/07/1977 11/03/1979
5 छोटी पनौती सिंह 03/15/1980 07/26/1980
6 छोटी पनौती धनु 12/17/1987 03/20/1990
7 छोटी पनौती धनु 06/21/1990 12/14/1990
8 साढ़े साती मेष 04/18/1998 06/06/2000 उदय
9 साढ़े साती वृषभ 06/07/2000 07/22/2002 शिखर
10 साढ़े साती मिथुन 07/23/2002 01/08/2003 अस्त
11 साढ़े साती वृषभ 01/09/2003 04/07/2003 शिखर
12 साढ़े साती मिथुन 04/08/2003 09/05/2004 अस्त
13 साढ़े साती मिथुन 01/14/2005 05/25/2005 अस्त
14 छोटी पनौती सिंह 11/01/2006 01/10/2007
15 छोटी पनौती सिंह 07/16/2007 09/09/2009
16 छोटी पनौती धनु 01/27/2017 06/20/2017
17 छोटी पनौती धनु 10/27/2017 01/23/2020
18 साढ़े साती मेष 06/03/2027 10/19/2027 उदय
19 साढ़े साती मेष 02/24/2028 08/07/2029 उदय
20 साढ़े साती वृषभ 08/08/2029 10/05/2029 शिखर
21 साढ़े साती मेष 10/06/2029 04/16/2030 उदय
22 साढ़े साती वृषभ 04/17/2030 05/30/2032 शिखर
23 साढ़े साती मिथुन 05/31/2032 07/12/2034 अस्त
24 छोटी पनौती सिंह 08/28/2036 10/22/2038
25 छोटी पनौती सिंह 04/06/2039 07/12/2039
26 छोटी पनौती धनु 12/08/2046 03/06/2049
27 छोटी पनौती धनु 07/10/2049 12/03/2049
28 साढ़े साती मेष 04/07/2057 05/27/2059 उदय
29 साढ़े साती वृषभ 05/28/2059 07/10/2061 शिखर
30 साढ़े साती मिथुन 07/11/2061 02/13/2062 अस्त
31 साढ़े साती वृषभ 02/14/2062 03/06/2062 शिखर
32 साढ़े साती मिथुन 03/07/2062 08/23/2063 अस्त
33 साढ़े साती मिथुन 02/06/2064 05/09/2064 अस्त
34 छोटी पनौती सिंह 10/13/2065 02/03/2066
35 छोटी पनौती सिंह 07/03/2066 08/29/2068
36 छोटी पनौती धनु 01/17/2076 07/10/2076
37 छोटी पनौती धनु 10/12/2076 01/14/2079
38 साढ़े साती मेष 05/22/2086 11/09/2086 उदय
39 साढ़े साती मेष 02/08/2087 07/17/2088 उदय
40 साढ़े साती वृषभ 07/18/2088 10/30/2088 शिखर
41 साढ़े साती मेष 10/31/2088 04/05/2089 उदय

शनि साढ़े साती: उदय चरण

यह शनि साढ़े साती का आरम्भिक दौर है। इस दौरान शनि चन्द्र से बारहवें भाव में स्थित होगा। आम तौर पर यह आर्थिक हानि, छुपे हुए शत्रुओं से नुक़सान, नुरुद्देश्य यात्रा, विवाद और निर्धनता को दर्शाता है। इस कालखण्ड में पसुपथ्य को गुप्त शत्रुओं द्वारा पैदा की हुई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। सहकर्मियों से संबंध अच्छे नहीं रहेंगे और वे पसुपथ्य के कार्यक्षेत्र में बाधाएँ खड़ी कर सकते हैं। घरेलू मामलों में भी पसुपथ्य को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जिसके चलते तनाव और दबाव की स्थिति पैदा होगी। पसुपथ्य को अपने ख़र्चों पर नियन्त्रण करने की आवश्यकता है, अन्यथा पसुपथ्य अधिक बड़े आर्थिक संकट में फँस सकते हैं। इस दौरान लम्बी दूरी की यात्राएँ फलदायी नहीं रहेंगी। शनि का स्वभाव विलम्ब और तनाव पैदा करने का है। हालाँकि अन्ततः पसुपथ्य को परिणाम ज़रूर मिलेगा। इसलिए धैर्य रखें और सही समय की प्रतीक्षा करें। इस दौर को सीखने का समय समझें और कड़ी मेहनत करें, परिस्थितियाँ स्वतः सही होती चली जाएंगी। इस समय व्यवसाय में कोई भी बड़ा ख़तरा या चुनौती न मोल लें।

शनि साढ़े साती: शिखर चरण

यह शनि साढ़े साती का चरम है। प्रायः यह दौर सबसे मुश्किल होता है। इस समय चन्द्र पर गोचर करता हुआ शनि स्वास्थ्य-संबंधी समस्या, चरित्र-हनन की कोशिश, रिश्तों में दरार, मानसिक अशान्ति और दुःख की ओर संकेत करता है। इस दौरान पसुपथ्य सफलता पाने में कठिनाई महसूस करेंगे। पसुपथ्य को अपनी कड़ी मेहनत का परिणाम नहीं मिलेगा और ख़ुद को बंधा हुआ अनुभव करेंगे। पसुपथ्य की सेहत और प्रतिरक्षा-तन्त्र पर्याप्त सशक्त नहीं होंगे। क्योंकि पहला भाव स्वास्थ्य को दर्शाता है इसलिए पसुपथ्य को नियमित व्यायाम और अपनी सेहत का ख़ास ख़याल रखने की ज़रूरत है, नहीं तो पसुपथ्य संक्रामक रोगों की चपेट में आ सकते हैं। साथ ही पसुपथ्य को मानसिक अवसाद और अज्ञात भय या फ़ोबिया आदि का सामना भी करना पड़ सकता है। संभव है कि इस काल-खण्ड में पसुपथ्य की सोच, कार्य और निर्णय करने की क्षमता में स्पष्टता का अभाव रहे। संतोषपूर्वक परिस्थितियों को स्वीकार करना और मूलभूत काम ठीक तरह से करना पसुपथ्य को इस संकट की घड़ी से निकाल सकता है।

शनि साढ़े साती: अस्त चरण

यह शनि साढ़े साती का अन्तिम चरण है। इस समय शनि चन्द्र से दूसरे भाव में गोचर कर रहा होगा, जो व्यक्तिगत और वित्तीय मोर्चे पर कठिनाइयों को इंगित करता है। साढ़े साती के दो मुश्किल चरणों से गुज़रने के बाद पसुपथ्य कुछ राहत महसूस करने लगेंगे। फिर भी इस दौरान ग़लतफ़हमी आर्थिक दबाव देखा जा सकता है। व्यय में वृद्धि होगी और पसुपथ्य को इसपर लगाम लगाने की अब भी ज़रूरत है। अचानक हुई आर्थिक हानि और चोरी की संभावना को भी इस दौरान नहीं नकारा जा सकता है। पसुपथ्य की सोच नकारात्मक हो सकती है। पसुपथ्य को उत्साह के साथ परिस्थितियों का सामना करना चाहिए। पसुपथ्य को व्यक्तिगत और पारिवारिक तौर पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है, नहीं तो बड़ी परेशानियाँ पैदा हो सकती हैं। विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई-लिखाई पर थोड़ा नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और उन्हें पिछले स्तर पर बने रहने के लिए अधिक परिश्रम की ज़रूरत होगी। परिणाम धीरे-धीरे और प्रायः हमेशा विलम्ब से प्राप्त होंगे। यह काल-खण्ड ख़तरे को भी दर्शाता है, अतः गाड़ी चलाते समय विशेष सावधानी अपेक्षित है। यदि संभव हो तो मांसाहार और मदिरापान से दूर रहकर शनि को प्रसन्न रखें। यदि पसुपथ्य समझदारी से काम लेंगे, तो घरेलू व आर्थिक मामलों में आने वाली परेशानियों को भली-भांति हल करने में सफल रहेंगे।

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