प्रभसिमरन सिंह
Aug 10, 2000
00:00:00
Patiala
76 E 24
30 N 19
5.5
Dirty Data
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
प्रभसिमरन सिंह जीवन को सिर्फ अपने दृष्टिकोण से देखते हैं, प्रभसिमरन सिंह की आयु जैसे-जैसे बढ़ेगी, प्रभसिमरन सिंह को अपने सुख और दुःख बांटने के लिये एक जीवनसाथी की आवश्यकता महसूस होगी। प्रभसिमरन सिंह ‘अपने-घर‘ के सिद्धान्त को मानते हैं और विवाह को इसके क्रियान्वयन का मुख्य साधन मानते हैं। प्रभसिमरन सिंह का घर प्रभसिमरन सिंह के लिये ईश्वर-स्वरूप होगा। प्रभसिमरन सिंह सदैव अपने बच्चों की चाहत रखेंगे, क्योंकि उनके बगैर प्रभसिमरन सिंह कभी भी पूूर्णरूप से खुश नहीं रह पाएंगे। निश्चित तौर पर प्रभसिमरन सिंह प्रेम के लिये विवाह करेंगे पर जैसे-जैसे समय बीतता जाएगा, प्रभसिमरन सिंह अपने जीवनसाथी के बारे में ज्यादा से ज्यादा सोचना आरम्भ कर देंगे। और अन्त में ऐसा समय आएगा, जहां प्रभसिमरन सिंह के लिये अपने जीवनसाथी से एक या दो दिन के लिये भी अलग रहना सम्भव नहीं होगा।
सबसे ऊपर प्रभसिमरन सिंह अत्यधिक कार्य और अत्यधिक चिन्ता से दूर रहें। प्रभसिमरन सिंह इन दोनों से ग्रसित हो सकते हैं, प्रभसिमरन सिंह की प्रकृति इस प्रकार है कि प्रभसिमरन सिंह के लिये ये खासे खतरनाक हैं। पर्याप्त नींद लें व ध्यान रखें कि सोते समय अधिक न सोचें। अपने मस्तिष्क को विचार-शून्य रखने का यत्न करें। यदि सम्भव हो तो सप्ताहान्त को आराम के लिये प्रयोग करें, न कि सप्ताह के शेष कार्यों को निपटाने में। अत्यधिक उत्तेजना निश्चित तौर पर प्रभसिमरन सिंह के लिये खराब है व जल्दबाजी प्रभसिमरन सिंह के लिये अपेक्षाकृत ज्यादा खराब है। अतः प्रभसिमरन सिंह शान्तिपूर्ण जीवन जीने का प्रयास करें। प्रभसिमरन सिंह को फालतू चिन्ता नहीं करनी चाहिए। प्रभसिमरन सिंह को तीस की आयु के बाद अनिद्रा,न्यूरेल्जिया, सरदर्द, नेत्र-तनाव आदि रोग हो सकते हैं।
‘आउटडोर‘ प्रभसिमरन सिंह के खाली समय का अधिकांश भाग लेता है और प्रभसिमरन सिंह इसे बहुत ही लाभदायक पाते हैं। लेकिन डर यह है कि प्रभसिमरन सिंह उसे जरूरत से ज्यादा कर सकते हैं तथा अपनी शारीरिक संरचना को क्षति पहुंचा सकते हैं। प्रभसिमरन सिंह खुले में घूमना पसन्द करते हैं, अतः यदि प्रभसिमरन सिंह को घुड़सवारी आकर्षित नहीं करती है तो यह निश्चित है कि प्रभसिमरन सिंह तेज मोटरिंग या सम्भवतः ट्रेन में लम्बी यात्रा पसन्द करते हों। प्रभसिमरन सिंह पुस्तकों अथवा शैक्षिक यात्राओं से स्वयं को शिक्षित करने में रुचि रखते हैं। सम्भवतः इस प्रयास के द्वारा प्रभसिमरन सिंह ज्ञान से अधिक सन्तोष प्राप्त करते हैं।