प्रेम नाथ
Nov 21, 1926
03:15:00
Peshawar
71 E 37
34 N 2
5.5
Kundli Sangraha (Bhat)
सटीक (स.)
प्रेम प्रेम नाथ के लिये भोजन की ही तरह आवश्यक है। प्रेम नाथ के अन्दर गहरे लगाव का विशेष गुण है, जोकि प्रेम नाथ को एक बेहतरीन जीवनसाथी बनाता है। प्रेम नाथ को अपने से निम्नवर्ग के व्यक्ति से विवाह नहीं करना चाहिए, क्योंकि प्रेम नाथ में इस तरह के संयोग को सफल बनाने की सहनशीलता नहीं है। प्रेम नाथ अत्यधिक सम्मोहक हैं और कलात्मक व्यक्तियों के साथ सम्बन्ध तलाशते हैं।
प्रेम नाथ शारीरिक रूप से शक्तिशाली हैं लेकिन जरूरत से ज्यादा कार्य प्रेम नाथ की समस्या है। प्रेम नाथ जो भी कुछ करते हैं, बहुत ज्यादा मानसिक दवाब में करते हैं, अन्ततः प्रेम नाथ अपने कर्म का पूर्ण फल प्राप्त करते हैं। अपने बॉस के द्वारा प्रशंसा की गई स्थिति के बाद ज्यादा उत्तेजित ना हों । प्रेम नाथ को अपने कार्यो मे शान्ति बरतनी चाहिये, जीवन में और भी मिठास दिखाई देगा । सैर व भोजन में थोड़ा अधिक समय देना चाहिये। जितना संभव हो सके अपने अंदर के आलस को दूर करें और साथ ही ओवरटाइम’ कार्य के प्रति सजग भी रह सकते हैं । लम्बी छुट्टियाँ लेने से बचें । जब बीमारी आएगी, तो प्रेम नाथ का हृदय प्रेम नाथ को परेशानी देने वाला प्रथम अंग होगा। जिसे प्रेम नाथ दूर करने में सजग रहेंगे। यदि प्रेम नाथ ने अत्यधिक कार्य किया है तो समाज प्रेम नाथ को सम्मानित करेगा ।
पठन, चित्रकारी, नाटक और इसी तरह के समय बिताने के वेतरीके, जिसमें कलात्मक व साहित्यिक सोच की आवश्यकता हो; प्रेम नाथ के दिमाग में घरकरेंगे। इसमें कोई आश्चर्य नहीं होगा, यदि प्रेम नाथ के अन्दर आध्यात्मिकता या पराविद्याके प्रति रुचि जागृत हो। यात्रा से जुड़ी सभी वस्तुएं प्रेम नाथ को आकर्षित करतीहैं, चाहे वह ज़मीन हो, समुद्र या हवा हो। क्रिकेट एवं फुटबाॅल जैसे खेलों के लिये प्रेम नाथ के पास बहुत कम समय होगा। यद्यपि, प्रेम नाथ के पास टेबिल-टेनिस, कैरम,बैडमिण्टन जैसे ‘इन्डोर‘ खेलों में प्रेम नाथ की अभिरुचि होगी।