पुनीश शर्मा
Dec 27, 1990
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New Delhi
77 E 12
28 N 36
5.5
Internet
संदर्भ (स.)
पुनीश शर्मा जीवन को सिर्फ अपने दृष्टिकोण से देखते हैं, पुनीश शर्मा की आयु जैसे-जैसे बढ़ेगी, पुनीश शर्मा को अपने सुख और दुःख बांटने के लिये एक जीवनसाथी की आवश्यकता महसूस होगी। पुनीश शर्मा ‘अपने-घर‘ के सिद्धान्त को मानते हैं और विवाह को इसके क्रियान्वयन का मुख्य साधन मानते हैं। पुनीश शर्मा का घर पुनीश शर्मा के लिये ईश्वर-स्वरूप होगा। पुनीश शर्मा सदैव अपने बच्चों की चाहत रखेंगे, क्योंकि उनके बगैर पुनीश शर्मा कभी भी पूूर्णरूप से खुश नहीं रह पाएंगे। निश्चित तौर पर पुनीश शर्मा प्रेम के लिये विवाह करेंगे पर जैसे-जैसे समय बीतता जाएगा, पुनीश शर्मा अपने जीवनसाथी के बारे में ज्यादा से ज्यादा सोचना आरम्भ कर देंगे। और अन्त में ऐसा समय आएगा, जहां पुनीश शर्मा के लिये अपने जीवनसाथी से एक या दो दिन के लिये भी अलग रहना सम्भव नहीं होगा।
पुनीश शर्मा बेहतर स्वास्थ्य के स्वामी हैं। पुनीश शर्मा में पर्याप्त अन्तः-शक्ति है तथा यह वृद्धावस्था तक कायम रहेगी, यदि पुनीश शर्मा खुली हवा में पर्याप्त व्यायाम लेते हैं। लेकिन इसकी अधिकता से बचें। यदि पुनीश शर्मा इसे जरूरत से ज्यादा करेंगे, तो पुनीश शर्मा श्वसन सम्बन्धी परेशानी महसूस कर सकते हैं। पुनीश शर्मा पैंतालीस की आयु के पश्चात् कमर दर्द एवं गठिया से पीडि़त हो सकते हैं। इन बीमारियों का कारण पता करना कठिन है, पर यह रात की हवा जोड़ों पर लगने के कारण सम्भव है।
पुनीश शर्मा के अन्दर वस्तुएं एकत्रित करने की भावना अत्यधिक विकसित हैय जैसे चीनी मिट्टी की वस्तुएं, डाक टिकट, पुराने सिक्के या कुछ भी।इससे अधिक पुनीश शर्मा को पुरानी वस्तुएं फेंकने या छोड़ने में मुश्किल महसूस होगी। पुनीश शर्मा को सदैव यह लगता है कि भविष्य में पुनीश शर्मा को इनकी आवश्यकता पड़ेगी। पुनीश शर्मा जन्मजात संग्रह के शौकीन हैं। पुनीश शर्मा के ऐसे ही अन्य शौक प्रायः इन्डोर होंगे न कि आउटडोर। पुनीश शर्मा के अन्दर कार्य करने का धैर्य है और यदि पुनीश शर्मा के अन्दर क्षमता नहीं है,तो पुनीश शर्मा उसे आसानी से अर्जित कर लेते हैं।