रहमान
May 23, 1967
12:00:00
Abu Dhabi
54 E 36
24 N 28
4
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
रहमान के अनुसार विवाह जीवन का हिस्सा है, जिसे घटित होना ही है। साधारणतः रहमान विवाह-बन्धन से अधिक मित्रता को मानते। सामान्यतः, रहमान प्रेम पत्र नहीं लिखेंगे और जितना कम रोमांस रहमान के प्रेम प्रसंग में आएगा, उतना ही अच्छा है। पर इससे ये निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए कि विवाह के प्रति रहमान का दृष्टिकोण सम्बन्ध-विच्छेद से प्रभावित है। इसके विपरीत यदि एक बार रहमान विवाह बन्धन में बंध गये, तो रहमान इस सम्बन्ध को सामंजस्यव मानवतापूर्ण बनाने का प्रयास करेंगे, जोकि विवाह के कई सालों बाद भी जारी रहेगा।
रहमान के लिये आराम की विशेष महत्ता है। परिणामस्वरूप, रहमान स्वादलोलुप हैं और भोजन का पूर्ण आनन्द उठाते हैं। निश्चित तौर पर रहमान जीने के लिये नहीं खाते, अपितु खाने के लिये जीते हैं। इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि पाचन-तन्त्र रहमान के शरीर का ऐसा भाग है, जो रहमान को सर्वाधिक परेशानी देगा। रहमान को अपच जैसी बीमारियों को अनदेखा नहीं करना चाहिए और जब वे आती हैं, तो उन्हें दवाओं के द्वारा ठीक करने का प्रयत्न नहीं करना चाहिए। रहमान को सैर एवं हल्का व्यायाम करना चाहिए। हमारी रहमान को यह सलाह है कि रहमान पर्याप्त ताजी हवा लें, भोजन पर नियन्त्रण रखें और फलों का सेवन करें। परन्तु यदि फिर भी कोई लाभ न हो, तो चिकित्सक के पास जाने से न झिझकें। पचास साल की आयु के पश्चात् आलस्य जैसे रोगों से दूर रहें। रहमान की चीजों को छोड़ने की आदत के कारण रहमान जिन्दगी से दूर होत जाएंगे। अपनी वस्तुओं में रूचि रखें, अपनी रुचियों का विकास करें एवं ध्यान रखें कि अगररहमान युवा-मण्डली में रहते हैं, तो रहमान कभी भी उम्र का शिकार नहीं होेते।
रहमान के कई शौक हैं और रहमान इन शौकों से ओत-प्रोत हैं। परन्तु अचानक ही रहमान धैर्य खो देते हैं व उन्हें एक तरफ कर देते हैं । फिर रहमान कोई नया शौक चुन लेते हैं और उसका भी यही हश्र होता है। रहमान जीवन को इसी तरह से जीते जाते हैं। सारांशतः रहमान की अभिरुचियां रहमान को पर्याप्त आनन्द देती हैं, साथ ही रहमान को बहुत कुछ सीखने का मौका भी देती हैं।