राज कपूर
Dec 14, 1924
22:00:00
Peshawar
71 E 37
34 N 2
5.5
Kundli Sangraha (Bhat)
सटीक (स.)
राज कपूर जीवन को सिर्फ अपने दृष्टिकोण से देखते हैं, राज कपूर की आयु जैसे-जैसे बढ़ेगी, राज कपूर को अपने सुख और दुःख बांटने के लिये एक जीवनसाथी की आवश्यकता महसूस होगी। राज कपूर ‘अपने-घर‘ के सिद्धान्त को मानते हैं और विवाह को इसके क्रियान्वयन का मुख्य साधन मानते हैं। राज कपूर का घर राज कपूर के लिये ईश्वर-स्वरूप होगा। राज कपूर सदैव अपने बच्चों की चाहत रखेंगे, क्योंकि उनके बगैर राज कपूर कभी भी पूूर्णरूप से खुश नहीं रह पाएंगे। निश्चित तौर पर राज कपूर प्रेम के लिये विवाह करेंगे पर जैसे-जैसे समय बीतता जाएगा, राज कपूर अपने जीवनसाथी के बारे में ज्यादा से ज्यादा सोचना आरम्भ कर देंगे। और अन्त में ऐसा समय आएगा, जहां राज कपूर के लिये अपने जीवनसाथी से एक या दो दिन के लिये भी अलग रहना सम्भव नहीं होगा।
राज कपूर बेहतर स्वास्थ्य के स्वामी हैं। राज कपूर में पर्याप्त अन्तः-शक्ति है तथा यह वृद्धावस्था तक कायम रहेगी, यदि राज कपूर खुली हवा में पर्याप्त व्यायाम लेते हैं। लेकिन इसकी अधिकता से बचें। यदि राज कपूर इसे जरूरत से ज्यादा करेंगे, तो राज कपूर श्वसन सम्बन्धी परेशानी महसूस कर सकते हैं। राज कपूर पैंतालीस की आयु के पश्चात् कमर दर्द एवं गठिया से पीडि़त हो सकते हैं। इन बीमारियों का कारण पता करना कठिन है, पर यह रात की हवा जोड़ों पर लगने के कारण सम्भव है।
राज कपूर अपने हाथों द्वारा कला को विलक्षण रूप से अभिव्यक्त करने में सक्षम हैं। एक पुरूष के तौर पर, राज कपूर घर के लिये सामान बना सकते हैं और बच्चों के खिलौनों को बेहतर बनाने में आनन्द महसूस करते हैं। राज कपूर एक सिलाई-कढ़ाई करने वाले, चित्रकार आदि होंगे और बच्चों के कपड़े खरीदने से अधिक बनाना पसन्द करेंगे।