राजासुलोचना
Aug 15, 1935
12:00:00
Vijayawada
80 E 40
16 N 34
5.5
Dirty Data
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
राजासुलोचना के अनुसार विवाह जीवन का हिस्सा है, जिसे घटित होना ही है। साधारणतः राजासुलोचना विवाह-बन्धन से अधिक मित्रता को मानते। सामान्यतः, राजासुलोचना प्रेम पत्र नहीं लिखेंगे और जितना कम रोमांस राजासुलोचना के प्रेम प्रसंग में आएगा, उतना ही अच्छा है। पर इससे ये निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए कि विवाह के प्रति राजासुलोचना का दृष्टिकोण सम्बन्ध-विच्छेद से प्रभावित है। इसके विपरीत यदि एक बार राजासुलोचना विवाह बन्धन में बंध गये, तो राजासुलोचना इस सम्बन्ध को सामंजस्यव मानवतापूर्ण बनाने का प्रयास करेंगे, जोकि विवाह के कई सालों बाद भी जारी रहेगा।
राजासुलोचना को स्वास्थ्य के प्रति चिन्तित रहने की कोई आवश्यकता नहीं है, परन्तु इसकी अनदेखी भी नहीं करनी चाहिए। राजासुलोचना को सर्दी एवं गर्मी से खतरा है, खासकर गर्मी से। दोनों ही राजासुलोचना के लिये ठीक नहीं हैं। राजासुलोचना सूर्य से बचें, विशेषतः यदि राजासुलोचना को किसी ठण्डेे प्रदेश में भ्रमण करना पड़े। ऐसे किसी भी कारण से दूर रहें, जिसके कारण राजासुलोचना के शरीर का तापमान बढ़ सकता हो। जीवन के उत्तर काल में राजासुलोचना को एपोप्लेक्सी से बचकर रहना चाहिए। यह राजासुलोचना के लिये अत्यन्त आवश्यक है कि राजासुलोचना समय पर सोएं और देर रात तक न जागें। क्योंकि काम के समय राजासुलोचना अत्यधिक ऊर्जावान और सदैव गतिशील होते हैं, जिसके कारण राजासुलोचना की दैनिक ऊर्जा का शीघ्र हृास होता है। सिर्फ पर्याप्त निद्रा के द्वारा ही राजासुलोचना अपनी इस ऊर्जा को पुनः प्राप्त कर सकते हैं।
यात्रा राजासुलोचना के लिये समय व्यतीत करने का सर्वोत्तम साधन है, काश कि राजासुलोचना के पास खुले दिल से इसमें लगाने के लिये समय एवं धन होता।राजासुलोचना को कम से ही सन्तुष्ट होना सीखना चाहिए। ताश खेलना आनन्ददायी है और इसमें कोई शक नहीं है कि राजासुलोचना को वस्तुएं निर्मित करने में एक अलग मजा आता है,चाहे वो वायरलॅस सेट बनाना हो या फोटोग्राफिक प्रिण्ट लेना।