रसिख सलाम
Apr 5, 2001
00:00:00
Srinagar
87 E 22
25 N 57
5.5
Dirty Data
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
रसिख सलाम जीवन को सिर्फ अपने दृष्टिकोण से देखते हैं, रसिख सलाम की आयु जैसे-जैसे बढ़ेगी, रसिख सलाम को अपने सुख और दुःख बांटने के लिये एक जीवनसाथी की आवश्यकता महसूस होगी। रसिख सलाम ‘अपने-घर‘ के सिद्धान्त को मानते हैं और विवाह को इसके क्रियान्वयन का मुख्य साधन मानते हैं। रसिख सलाम का घर रसिख सलाम के लिये ईश्वर-स्वरूप होगा। रसिख सलाम सदैव अपने बच्चों की चाहत रखेंगे, क्योंकि उनके बगैर रसिख सलाम कभी भी पूूर्णरूप से खुश नहीं रह पाएंगे। निश्चित तौर पर रसिख सलाम प्रेम के लिये विवाह करेंगे पर जैसे-जैसे समय बीतता जाएगा, रसिख सलाम अपने जीवनसाथी के बारे में ज्यादा से ज्यादा सोचना आरम्भ कर देंगे। और अन्त में ऐसा समय आएगा, जहां रसिख सलाम के लिये अपने जीवनसाथी से एक या दो दिन के लिये भी अलग रहना सम्भव नहीं होगा।
स्वास्थ्य के बारे में रसिख सलाम को चिन्ता करने की कोई भी जरूरत नहीं है। हाँलाकि रसिख सलाम की शारीरिक-संरचना आदर्श नहीं है, परन्तु इसमें कोई बड़ी समस्या भी नहीं है। लेकिन रसिख सलाम को ध्यान देने की आवश्यकता है। फेंफड़े रसिख सलाम के दुर्बलतम अंग हैं, पर स्नायु भी रसिख सलाम को परेशानी दे सकते हैं। रसिख सलाम सिरदर्द एवं माइगे्रन से पीडि़त हो सकते हैं। जितना सम्भव हो प्राकृतिक जीवन जिएं, खुली हवा का आनन्द लें और अपने खान-पान का ध्यान रखें।
फुरसत के लम्हे रसिख सलाम के लिये विशेष महत्व रखता है तथा रसिख सलाम उन लम्हों को नष्ट नहीं करना चाहते, चाहे रसिख सलाम कितने भी व्यस्त क्यों न हों। निश्चय ही यह रसिख सलाम की बुद्धिमत्ता है, कि रसिख सलाम अपने समय का अधिकतम भाग खुली हवा में बिताना चाहते हैं। रसिख सलाम थकावट भरे खेल पसन्द नहीं करते हैं। लेकिन सैर, फिशिंग, अध्ययन जैसे समय बिताने के कार्य रसिख सलाम को पसन्द हैं।