रवीश कुमार
Dec 5, 1974
00:00:00
Motihari
84 E 55
26 N 40
5.5
Dirty Data
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
रवीश कुमार जीवन को सिर्फ अपने दृष्टिकोण से देखते हैं, रवीश कुमार की आयु जैसे-जैसे बढ़ेगी, रवीश कुमार को अपने सुख और दुःख बांटने के लिये एक जीवनसाथी की आवश्यकता महसूस होगी। रवीश कुमार ‘अपने-घर‘ के सिद्धान्त को मानते हैं और विवाह को इसके क्रियान्वयन का मुख्य साधन मानते हैं। रवीश कुमार का घर रवीश कुमार के लिये ईश्वर-स्वरूप होगा। रवीश कुमार सदैव अपने बच्चों की चाहत रखेंगे, क्योंकि उनके बगैर रवीश कुमार कभी भी पूूर्णरूप से खुश नहीं रह पाएंगे। निश्चित तौर पर रवीश कुमार प्रेम के लिये विवाह करेंगे पर जैसे-जैसे समय बीतता जाएगा, रवीश कुमार अपने जीवनसाथी के बारे में ज्यादा से ज्यादा सोचना आरम्भ कर देंगे। और अन्त में ऐसा समय आएगा, जहां रवीश कुमार के लिये अपने जीवनसाथी से एक या दो दिन के लिये भी अलग रहना सम्भव नहीं होगा।
यह कहना ठीक नहीं होगा कि रवीश कुमार हृष्ट-पुष्ट हैं। लेकिन इसका कोई कारण नहीं है कि रवीश कुमार दीर्घायु नहीं हो सकतेय बस थोड़ी सावधानी बरतने की आवश्यकता है। दो रोग ध्यान देने योग्य हैं - अपच व गठिया। अपच से बचने के लिसे भोजन लेते वक्त जल्दबाजी न करें तथा शान्ति पूर्वक भोजन लें। साथ हीे भोजन को सही समय पर लें। गठिया से बचने के लिये ध्यान रखें कि रवीश कुमार अपने जोड़ों को आर्द्र वायु, ठण्डी हवाओं और गीलेपन आदि से दूर रखें।
रवीश कुमार के अन्दर वस्तुएं एकत्रित करने की भावना अत्यधिक विकसित हैय जैसे चीनी मिट्टी की वस्तुएं, डाक टिकट, पुराने सिक्के या कुछ भी।इससे अधिक रवीश कुमार को पुरानी वस्तुएं फेंकने या छोड़ने में मुश्किल महसूस होगी। रवीश कुमार को सदैव यह लगता है कि भविष्य में रवीश कुमार को इनकी आवश्यकता पड़ेगी। रवीश कुमार जन्मजात संग्रह के शौकीन हैं। रवीश कुमार के ऐसे ही अन्य शौक प्रायः इन्डोर होंगे न कि आउटडोर। रवीश कुमार के अन्दर कार्य करने का धैर्य है और यदि रवीश कुमार के अन्दर क्षमता नहीं है,तो रवीश कुमार उसे आसानी से अर्जित कर लेते हैं।