रिमा कलिंगाल
Jan 19, 1984
12:00:00
Thrissur
76 E 13
10 N 31
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
जहां तक रिमा कलिंगाल जैसे लोगों का प्रश्न है, आध्यात्मिक प्रेम का कोई अस्तित्व नहीं है। रिमा कलिंगाल प्रेम में अत्यधिक व्यग्र होते हैं। यदि रिमा कलिंगाल ने एकबार व्यक्त कर दिया, तो रिमा कलिंगाल अपने लगाव से विमुख नहीं होते हैं। यद्यपि, विरोधी की भूमिका में जो कोई भी हो, रिमा कलिंगाल उससे बलपूर्वक निपटते हैं।
रिमा कलिंगाल की स्वास्थ्य-संरचना बहुत अच्छी है, लेकिन रिमा कलिंगाल स्नायु-विकार एवं अपच से पीडि़त रह सकते हैं। पहले का कारण रिमा कलिंगाल की जरूरत से ज्यादा संवेदनशील प्रकृति है। रिमा कलिंगाल अपेक्षाकृत शीघ्रता से अपनी जीवन-ऊर्जा खो देते है और वह जीवन, रिमा कलिंगाल जिसका आनन्द लेते हैं, इसमें रिमा कलिंगाल की कोई मदद नहीं करता। अति भोग, अपच का मुख्य कारण है। अपच का मुख्य कारण अधिकता में लिया गया भोजन है। जो रिमा कलिंगाल खाते हैं, या तो वह बहुत भारी होता है या दिन में बहुत देरी से लिया हुआ होता है।
‘आउटडोर‘ रिमा कलिंगाल के खाली समय का अधिकांश भाग लेता है और रिमा कलिंगाल इसे बहुत ही लाभदायक पाते हैं। लेकिन डर यह है कि रिमा कलिंगाल उसे जरूरत से ज्यादा कर सकते हैं तथा अपनी शारीरिक संरचना को क्षति पहुंचा सकते हैं। रिमा कलिंगाल खुले में घूमना पसन्द करते हैं, अतः यदि रिमा कलिंगाल को घुड़सवारी आकर्षित नहीं करती है तो यह निश्चित है कि रिमा कलिंगाल तेज मोटरिंग या सम्भवतः ट्रेन में लम्बी यात्रा पसन्द करते हों। रिमा कलिंगाल पुस्तकों अथवा शैक्षिक यात्राओं से स्वयं को शिक्षित करने में रुचि रखते हैं। सम्भवतः इस प्रयास के द्वारा रिमा कलिंगाल ज्ञान से अधिक सन्तोष प्राप्त करते हैं।