सचिन देव बर्मन
Oct 22, 1905
22:00:00
Comilla
91 E 10
23 N 27
6
Kundli Sangraha (Tendulkar)
सटीक (स.)
सचिन देव बर्मन जीवन को सिर्फ अपने दृष्टिकोण से देखते हैं, सचिन देव बर्मन की आयु जैसे-जैसे बढ़ेगी, सचिन देव बर्मन को अपने सुख और दुःख बांटने के लिये एक जीवनसाथी की आवश्यकता महसूस होगी। सचिन देव बर्मन ‘अपने-घर‘ के सिद्धान्त को मानते हैं और विवाह को इसके क्रियान्वयन का मुख्य साधन मानते हैं। सचिन देव बर्मन का घर सचिन देव बर्मन के लिये ईश्वर-स्वरूप होगा। सचिन देव बर्मन सदैव अपने बच्चों की चाहत रखेंगे, क्योंकि उनके बगैर सचिन देव बर्मन कभी भी पूूर्णरूप से खुश नहीं रह पाएंगे। निश्चित तौर पर सचिन देव बर्मन प्रेम के लिये विवाह करेंगे पर जैसे-जैसे समय बीतता जाएगा, सचिन देव बर्मन अपने जीवनसाथी के बारे में ज्यादा से ज्यादा सोचना आरम्भ कर देंगे। और अन्त में ऐसा समय आएगा, जहां सचिन देव बर्मन के लिये अपने जीवनसाथी से एक या दो दिन के लिये भी अलग रहना सम्भव नहीं होगा।
सचिन देव बर्मन की स्वास्थ्य-संरचना बहुत अच्छी है, लेकिन सचिन देव बर्मन स्नायु-विकार एवं अपच से पीडि़त रह सकते हैं। पहले का कारण सचिन देव बर्मन की जरूरत से ज्यादा संवेदनशील प्रकृति है। सचिन देव बर्मन अपेक्षाकृत शीघ्रता से अपनी जीवन-ऊर्जा खो देते है और वह जीवन, सचिन देव बर्मन जिसका आनन्द लेते हैं, इसमें सचिन देव बर्मन की कोई मदद नहीं करता। अति भोग, अपच का मुख्य कारण है। अपच का मुख्य कारण अधिकता में लिया गया भोजन है। जो सचिन देव बर्मन खाते हैं, या तो वह बहुत भारी होता है या दिन में बहुत देरी से लिया हुआ होता है।
सचिन देव बर्मन अपने हाथों द्वारा कला को विलक्षण रूप से अभिव्यक्त करने में सक्षम हैं। एक पुरूष के तौर पर, सचिन देव बर्मन घर के लिये सामान बना सकते हैं और बच्चों के खिलौनों को बेहतर बनाने में आनन्द महसूस करते हैं। सचिन देव बर्मन एक सिलाई-कढ़ाई करने वाले, चित्रकार आदि होंगे और बच्चों के कपड़े खरीदने से अधिक बनाना पसन्द करेंगे।