सेम्मनगुड़ी श्रीनिवास अय्यर
Jul 25, 1908
22:30:00
Thanjavur
79 E 9
10 N 46
5.5
Kundli Sangraha (Tendulkar)
सटीक (स.)
सेम्मनगुड़ी श्रीनिवास अय्यर जीवन को सिर्फ अपने दृष्टिकोण से देखते हैं, सेम्मनगुड़ी श्रीनिवास अय्यर की आयु जैसे-जैसे बढ़ेगी, सेम्मनगुड़ी श्रीनिवास अय्यर को अपने सुख और दुःख बांटने के लिये एक जीवनसाथी की आवश्यकता महसूस होगी। सेम्मनगुड़ी श्रीनिवास अय्यर ‘अपने-घर‘ के सिद्धान्त को मानते हैं और विवाह को इसके क्रियान्वयन का मुख्य साधन मानते हैं। सेम्मनगुड़ी श्रीनिवास अय्यर का घर सेम्मनगुड़ी श्रीनिवास अय्यर के लिये ईश्वर-स्वरूप होगा। सेम्मनगुड़ी श्रीनिवास अय्यर सदैव अपने बच्चों की चाहत रखेंगे, क्योंकि उनके बगैर सेम्मनगुड़ी श्रीनिवास अय्यर कभी भी पूूर्णरूप से खुश नहीं रह पाएंगे। निश्चित तौर पर सेम्मनगुड़ी श्रीनिवास अय्यर प्रेम के लिये विवाह करेंगे पर जैसे-जैसे समय बीतता जाएगा, सेम्मनगुड़ी श्रीनिवास अय्यर अपने जीवनसाथी के बारे में ज्यादा से ज्यादा सोचना आरम्भ कर देंगे। और अन्त में ऐसा समय आएगा, जहां सेम्मनगुड़ी श्रीनिवास अय्यर के लिये अपने जीवनसाथी से एक या दो दिन के लिये भी अलग रहना सम्भव नहीं होगा।
सेम्मनगुड़ी श्रीनिवास अय्यर के अन्दर प्रचुर ऊर्जा है। सेम्मनगुड़ी श्रीनिवास अय्यर हृष्ट-पुष्ट हैं व साधारणतः सेम्मनगुड़ी श्रीनिवास अय्यर किसी प्रकार के रोग से ग्रसित नहीं होंगे, जब तक कि सेम्मनगुड़ी श्रीनिवास अय्यर जरूरत से बहुत ज्यादा कार्य नहीं करते। सिर्फ इसलिये कि सेम्मनगुड़ी श्रीनिवास अय्यर मोमबत्ती को दोनों सिरों से जला सकते हैं, सेम्मनगुड़ी श्रीनिवास अय्यर को यह करने के बारे में नहीं सोचना चाहिए। सेम्मनगुड़ी श्रीनिवास अय्यर को अपने प्रति संयमी होना चाहिए और अपने स्वास्थ्य-कोष में से जरूरत से ज्यादा लेने का प्रयास नहीं करना चाहिए अन्यथा सेम्मनगुड़ी श्रीनिवास अय्यर जीवन के उत्तरार्ध में गम्भीर बीमारियों को निमन्त्रण दे सकते हैं। बीमारी यदि प्रायः नहीं आती है, तो अचानक ही आएगी। यद्यपि उसने परिपक्व होने में काफी लम्बा समय लिया होगा। सेम्मनगुड़ी श्रीनिवास अय्यर थोड़ा सा दिमाग लगाने पर पाएंगे कि सेम्मनगुड़ी श्रीनिवास अय्यर ने रोग को स्वयं ही आमन्त्रित किया है। इसमें कोई शक नहीं है कि सेम्मनगुड़ी श्रीनिवास अय्यर उससे बच सकते थे। सेम्मनगुड़ी श्रीनिवास अय्यर के नेत्र सेम्मनगुड़ी श्रीनिवास अय्यर की कमजोरी हैं और कृपया उसका ख्याल रखें। सेम्मनगुड़ी श्रीनिवास अय्यर पैंतीस की उम्र के बाद नेत्र-विकार से ग्रसित हो सकते हैं।
सेम्मनगुड़ी श्रीनिवास अय्यर के अन्दर वस्तुएं एकत्रित करने की भावना अत्यधिक विकसित हैय जैसे चीनी मिट्टी की वस्तुएं, डाक टिकट, पुराने सिक्के या कुछ भी।इससे अधिक सेम्मनगुड़ी श्रीनिवास अय्यर को पुरानी वस्तुएं फेंकने या छोड़ने में मुश्किल महसूस होगी। सेम्मनगुड़ी श्रीनिवास अय्यर को सदैव यह लगता है कि भविष्य में सेम्मनगुड़ी श्रीनिवास अय्यर को इनकी आवश्यकता पड़ेगी। सेम्मनगुड़ी श्रीनिवास अय्यर जन्मजात संग्रह के शौकीन हैं। सेम्मनगुड़ी श्रीनिवास अय्यर के ऐसे ही अन्य शौक प्रायः इन्डोर होंगे न कि आउटडोर। सेम्मनगुड़ी श्रीनिवास अय्यर के अन्दर कार्य करने का धैर्य है और यदि सेम्मनगुड़ी श्रीनिवास अय्यर के अन्दर क्षमता नहीं है,तो सेम्मनगुड़ी श्रीनिवास अय्यर उसे आसानी से अर्जित कर लेते हैं।