शदाब खान
Oct 4, 1998
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Mianwali
71 E 28
32 N 38
5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
शदाब खान जीवन को सिर्फ अपने दृष्टिकोण से देखते हैं, शदाब खान की आयु जैसे-जैसे बढ़ेगी, शदाब खान को अपने सुख और दुःख बांटने के लिये एक जीवनसाथी की आवश्यकता महसूस होगी। शदाब खान ‘अपने-घर‘ के सिद्धान्त को मानते हैं और विवाह को इसके क्रियान्वयन का मुख्य साधन मानते हैं। शदाब खान का घर शदाब खान के लिये ईश्वर-स्वरूप होगा। शदाब खान सदैव अपने बच्चों की चाहत रखेंगे, क्योंकि उनके बगैर शदाब खान कभी भी पूूर्णरूप से खुश नहीं रह पाएंगे। निश्चित तौर पर शदाब खान प्रेम के लिये विवाह करेंगे पर जैसे-जैसे समय बीतता जाएगा, शदाब खान अपने जीवनसाथी के बारे में ज्यादा से ज्यादा सोचना आरम्भ कर देंगे। और अन्त में ऐसा समय आएगा, जहां शदाब खान के लिये अपने जीवनसाथी से एक या दो दिन के लिये भी अलग रहना सम्भव नहीं होगा।
सबसे ऊपर शदाब खान अत्यधिक कार्य और अत्यधिक चिन्ता से दूर रहें। शदाब खान इन दोनों से ग्रसित हो सकते हैं, शदाब खान की प्रकृति इस प्रकार है कि शदाब खान के लिये ये खासे खतरनाक हैं। पर्याप्त नींद लें व ध्यान रखें कि सोते समय अधिक न सोचें। अपने मस्तिष्क को विचार-शून्य रखने का यत्न करें। यदि सम्भव हो तो सप्ताहान्त को आराम के लिये प्रयोग करें, न कि सप्ताह के शेष कार्यों को निपटाने में। अत्यधिक उत्तेजना निश्चित तौर पर शदाब खान के लिये खराब है व जल्दबाजी शदाब खान के लिये अपेक्षाकृत ज्यादा खराब है। अतः शदाब खान शान्तिपूर्ण जीवन जीने का प्रयास करें। शदाब खान को फालतू चिन्ता नहीं करनी चाहिए। शदाब खान को तीस की आयु के बाद अनिद्रा,न्यूरेल्जिया, सरदर्द, नेत्र-तनाव आदि रोग हो सकते हैं।
समय व्यतीत करने के ऊर्जावान तरीके शदाब खान को आकर्षित करते हैं और वो शदाब खान का सर्वाधिक भला भी करते हैं। तीव्र खेल जैसे फुटबाॅल और टेनिस इत्यादि शदाब खान की ऊर्जा के उपयोग के लिये बेहतरीन खेल हैं और शदाब खान इसके पूर्णतः अनुकूल हैं। शदाब खान मध्य आयु में सैर करना पसन्द करेंगे, लेकिन शदाब खान चार की जगह चैदह मील की सोचेंगे। अवकाश काल में शदाब खान हाथ में समाचार पत्र लिये बैंच पर बैठकर सिर्फ भोजन की प्रतीक्षा नहीं कर सकते। सबसे दूरस्थ पहाडि़यां शदाब खान को आकर्षित करती हैं और शदाब खान यह जानना चाहते हैं कि वे पास से कैसी दिखती हैं।