शम्मी कपूर
Oct 21, 1931
22:30:0
Mumbai
72 E 50
18 N 58
5.5
Kundli Sangraha (Bhat)
सटीक (स.)
प्रेम सम्बन्धों में भी शम्मी कपूर उतने ही ऊर्जावान होंगे, जितने कि शम्मी कपूर काम एवं खेल में हैं। एक बार शम्मी कपूर प्यार में पड़ गये, तो शम्मी कपूर अपने चहेते को प्रतिपल अपने पास रखना चाहेंगे। हालांकि शम्मी कपूर अपने कार्य की अनदेखी नहीं करेंगे, परन्तु एक बार वो खत्म हो गया तो शम्मी कपूर अपने प्रिय से मिलने को निकल पड़ेंगे। जब शम्मी कपूर का विवाह हो जाएगा तो शम्मी कपूर अपने घर पर अधिक ध्यान देंगे। शम्मी कपूर अक्सर जीवनसाथी की व्यापारिक मामलों में मदद करेंगे।
जबकि शम्मी कपूर हृष्ट-पुष्ट नहीं हैं, कुछ ऐसे कारण हैं, जो शम्मी कपूर को अपने स्वास्थ्य के प्रति सोचने के लिये बाध्य करते हैं। शम्मी कपूर की मुख्य बीमारी वास्तविक के स्थान पर काल्पनिक होगी, तथापि यह शम्मी कपूर के लिये अनावश्यक उत्तेजना का कारण बनेगी। शम्मी कपूर अपने अन्दर बार-बार झांकते हैं व आश्चर्य करते हैं कि ऐसा क्यों हुआ, जबकि वास्तविकता में दुबारा भी सोचने वाली कोई बात नहीं होती है। शम्मी कपूर चिकित्सा सम्बन्धी पुस्तकें पढ़ते हैं और स्वतः ही खतरनाक बीमारी के लक्षण इजाद कर लेते हैं। शम्मी कपूर क कभी-कभी गले की समस्या से पीडि़त हो सकते हैं। चिकित्सक द्वारा बताई गईं दवाओं के अतिरिक्त अन्य प्रकार की दवाओं का सेवन न करें। हमारी शम्मी कपूर को सलाह है कि नैसर्गिक जीवन जिएं, पर्याप्त नींद लें, पर्याप्त व्यायाम करें तथा विचारपूर्वक भोजन करें।
शम्मी कपूर के कई शौक हैं और शम्मी कपूर इन शौकों से ओत-प्रोत हैं। परन्तु अचानक ही शम्मी कपूर धैर्य खो देते हैं व उन्हें एक तरफ कर देते हैं । फिर शम्मी कपूर कोई नया शौक चुन लेते हैं और उसका भी यही हश्र होता है। शम्मी कपूर जीवन को इसी तरह से जीते जाते हैं। सारांशतः शम्मी कपूर की अभिरुचियां शम्मी कपूर को पर्याप्त आनन्द देती हैं, साथ ही शम्मी कपूर को बहुत कुछ सीखने का मौका भी देती हैं।