शिव कपूर
Feb 12, 1982
12:0:0
New Delhi
77 E 12
28 N 36
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
जहां तक शिव कपूर जैसे लोगों का प्रश्न है, आध्यात्मिक प्रेम का कोई अस्तित्व नहीं है। शिव कपूर प्रेम में अत्यधिक व्यग्र होते हैं। यदि शिव कपूर ने एकबार व्यक्त कर दिया, तो शिव कपूर अपने लगाव से विमुख नहीं होते हैं। यद्यपि, विरोधी की भूमिका में जो कोई भी हो, शिव कपूर उससे बलपूर्वक निपटते हैं।
शिव कपूर के अन्दर प्रचुर ऊर्जा है। शिव कपूर हृष्ट-पुष्ट हैं व साधारणतः शिव कपूर किसी प्रकार के रोग से ग्रसित नहीं होंगे, जब तक कि शिव कपूर जरूरत से बहुत ज्यादा कार्य नहीं करते। सिर्फ इसलिये कि शिव कपूर मोमबत्ती को दोनों सिरों से जला सकते हैं, शिव कपूर को यह करने के बारे में नहीं सोचना चाहिए। शिव कपूर को अपने प्रति संयमी होना चाहिए और अपने स्वास्थ्य-कोष में से जरूरत से ज्यादा लेने का प्रयास नहीं करना चाहिए अन्यथा शिव कपूर जीवन के उत्तरार्ध में गम्भीर बीमारियों को निमन्त्रण दे सकते हैं। बीमारी यदि प्रायः नहीं आती है, तो अचानक ही आएगी। यद्यपि उसने परिपक्व होने में काफी लम्बा समय लिया होगा। शिव कपूर थोड़ा सा दिमाग लगाने पर पाएंगे कि शिव कपूर ने रोग को स्वयं ही आमन्त्रित किया है। इसमें कोई शक नहीं है कि शिव कपूर उससे बच सकते थे। शिव कपूर के नेत्र शिव कपूर की कमजोरी हैं और कृपया उसका ख्याल रखें। शिव कपूर पैंतीस की उम्र के बाद नेत्र-विकार से ग्रसित हो सकते हैं।
समय व्यतीत करने के ऊर्जावान तरीके शिव कपूर को आकर्षित करते हैं और वो शिव कपूर का सर्वाधिक भला भी करते हैं। तीव्र खेल जैसे फुटबाॅल और टेनिस इत्यादि शिव कपूर की ऊर्जा के उपयोग के लिये बेहतरीन खेल हैं और शिव कपूर इसके पूर्णतः अनुकूल हैं। शिव कपूर मध्य आयु में सैर करना पसन्द करेंगे, लेकिन शिव कपूर चार की जगह चैदह मील की सोचेंगे। अवकाश काल में शिव कपूर हाथ में समाचार पत्र लिये बैंच पर बैठकर सिर्फ भोजन की प्रतीक्षा नहीं कर सकते। सबसे दूरस्थ पहाडि़यां शिव कपूर को आकर्षित करती हैं और शिव कपूर यह जानना चाहते हैं कि वे पास से कैसी दिखती हैं।