शोएब मलिक
Feb 1, 1982
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Sialkot
74 E 30
32 N 32
5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
शोएब मलिक जीवन को सिर्फ अपने दृष्टिकोण से देखते हैं, शोएब मलिक की आयु जैसे-जैसे बढ़ेगी, शोएब मलिक को अपने सुख और दुःख बांटने के लिये एक जीवनसाथी की आवश्यकता महसूस होगी। शोएब मलिक ‘अपने-घर‘ के सिद्धान्त को मानते हैं और विवाह को इसके क्रियान्वयन का मुख्य साधन मानते हैं। शोएब मलिक का घर शोएब मलिक के लिये ईश्वर-स्वरूप होगा। शोएब मलिक सदैव अपने बच्चों की चाहत रखेंगे, क्योंकि उनके बगैर शोएब मलिक कभी भी पूूर्णरूप से खुश नहीं रह पाएंगे। निश्चित तौर पर शोएब मलिक प्रेम के लिये विवाह करेंगे पर जैसे-जैसे समय बीतता जाएगा, शोएब मलिक अपने जीवनसाथी के बारे में ज्यादा से ज्यादा सोचना आरम्भ कर देंगे। और अन्त में ऐसा समय आएगा, जहां शोएब मलिक के लिये अपने जीवनसाथी से एक या दो दिन के लिये भी अलग रहना सम्भव नहीं होगा।
स्वास्थ्य के बारे में शोएब मलिक को चिन्ता करने की कोई भी जरूरत नहीं है। हाँलाकि शोएब मलिक की शारीरिक-संरचना आदर्श नहीं है, परन्तु इसमें कोई बड़ी समस्या भी नहीं है। लेकिन शोएब मलिक को ध्यान देने की आवश्यकता है। फेंफड़े शोएब मलिक के दुर्बलतम अंग हैं, पर स्नायु भी शोएब मलिक को परेशानी दे सकते हैं। शोएब मलिक सिरदर्द एवं माइगे्रन से पीडि़त हो सकते हैं। जितना सम्भव हो प्राकृतिक जीवन जिएं, खुली हवा का आनन्द लें और अपने खान-पान का ध्यान रखें।
शोएब मलिक के कई शौक हैं और शोएब मलिक इन शौकों से ओत-प्रोत हैं। परन्तु अचानक ही शोएब मलिक धैर्य खो देते हैं व उन्हें एक तरफ कर देते हैं । फिर शोएब मलिक कोई नया शौक चुन लेते हैं और उसका भी यही हश्र होता है। शोएब मलिक जीवन को इसी तरह से जीते जाते हैं। सारांशतः शोएब मलिक की अभिरुचियां शोएब मलिक को पर्याप्त आनन्द देती हैं, साथ ही शोएब मलिक को बहुत कुछ सीखने का मौका भी देती हैं।