श्रेयसी सिंह
Aug 29, 1991
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Delhi
77 E 13
28 N 39
5.5
Dirty Data
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
श्रेयसी सिंह जीवन को सिर्फ अपने दृष्टिकोण से देखते हैं, श्रेयसी सिंह की आयु जैसे-जैसे बढ़ेगी, श्रेयसी सिंह को अपने सुख और दुःख बांटने के लिये एक जीवनसाथी की आवश्यकता महसूस होगी। श्रेयसी सिंह ‘अपने-घर‘ के सिद्धान्त को मानते हैं और विवाह को इसके क्रियान्वयन का मुख्य साधन मानते हैं। श्रेयसी सिंह का घर श्रेयसी सिंह के लिये ईश्वर-स्वरूप होगा। श्रेयसी सिंह सदैव अपने बच्चों की चाहत रखेंगे, क्योंकि उनके बगैर श्रेयसी सिंह कभी भी पूूर्णरूप से खुश नहीं रह पाएंगे। निश्चित तौर पर श्रेयसी सिंह प्रेम के लिये विवाह करेंगे पर जैसे-जैसे समय बीतता जाएगा, श्रेयसी सिंह अपने जीवनसाथी के बारे में ज्यादा से ज्यादा सोचना आरम्भ कर देंगे। और अन्त में ऐसा समय आएगा, जहां श्रेयसी सिंह के लिये अपने जीवनसाथी से एक या दो दिन के लिये भी अलग रहना सम्भव नहीं होगा।
श्रेयसी सिंह के अन्दर प्रचुर ऊर्जा है। श्रेयसी सिंह हृष्ट-पुष्ट हैं व साधारणतः श्रेयसी सिंह किसी प्रकार के रोग से ग्रसित नहीं होंगे, जब तक कि श्रेयसी सिंह जरूरत से बहुत ज्यादा कार्य नहीं करते। सिर्फ इसलिये कि श्रेयसी सिंह मोमबत्ती को दोनों सिरों से जला सकते हैं, श्रेयसी सिंह को यह करने के बारे में नहीं सोचना चाहिए। श्रेयसी सिंह को अपने प्रति संयमी होना चाहिए और अपने स्वास्थ्य-कोष में से जरूरत से ज्यादा लेने का प्रयास नहीं करना चाहिए अन्यथा श्रेयसी सिंह जीवन के उत्तरार्ध में गम्भीर बीमारियों को निमन्त्रण दे सकते हैं। बीमारी यदि प्रायः नहीं आती है, तो अचानक ही आएगी। यद्यपि उसने परिपक्व होने में काफी लम्बा समय लिया होगा। श्रेयसी सिंह थोड़ा सा दिमाग लगाने पर पाएंगे कि श्रेयसी सिंह ने रोग को स्वयं ही आमन्त्रित किया है। इसमें कोई शक नहीं है कि श्रेयसी सिंह उससे बच सकते थे। श्रेयसी सिंह के नेत्र श्रेयसी सिंह की कमजोरी हैं और कृपया उसका ख्याल रखें। श्रेयसी सिंह पैंतीस की उम्र के बाद नेत्र-विकार से ग्रसित हो सकते हैं।
समय व्यतीत करने के ऊर्जावान तरीके श्रेयसी सिंह को आकर्षित करते हैं और वो श्रेयसी सिंह का सर्वाधिक भला भी करते हैं। तीव्र खेल जैसे फुटबाॅल और टेनिस इत्यादि श्रेयसी सिंह की ऊर्जा के उपयोग के लिये बेहतरीन खेल हैं और श्रेयसी सिंह इसके पूर्णतः अनुकूल हैं। श्रेयसी सिंह मध्य आयु में सैर करना पसन्द करेंगे, लेकिन श्रेयसी सिंह चार की जगह चैदह मील की सोचेंगे। अवकाश काल में श्रेयसी सिंह हाथ में समाचार पत्र लिये बैंच पर बैठकर सिर्फ भोजन की प्रतीक्षा नहीं कर सकते। सबसे दूरस्थ पहाडि़यां श्रेयसी सिंह को आकर्षित करती हैं और श्रेयसी सिंह यह जानना चाहते हैं कि वे पास से कैसी दिखती हैं।