साउंडाराय रजनीकांत
Sep 20, 1984
12:0:0
Chennai
80 E 18
13 N 5
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
साउंडाराय रजनीकांत के अनुसार विवाह जीवन का हिस्सा है, जिसे घटित होना ही है। साधारणतः साउंडाराय रजनीकांत विवाह-बन्धन से अधिक मित्रता को मानते। सामान्यतः, साउंडाराय रजनीकांत प्रेम पत्र नहीं लिखेंगे और जितना कम रोमांस साउंडाराय रजनीकांत के प्रेम प्रसंग में आएगा, उतना ही अच्छा है। पर इससे ये निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए कि विवाह के प्रति साउंडाराय रजनीकांत का दृष्टिकोण सम्बन्ध-विच्छेद से प्रभावित है। इसके विपरीत यदि एक बार साउंडाराय रजनीकांत विवाह बन्धन में बंध गये, तो साउंडाराय रजनीकांत इस सम्बन्ध को सामंजस्यव मानवतापूर्ण बनाने का प्रयास करेंगे, जोकि विवाह के कई सालों बाद भी जारी रहेगा।
साउंडाराय रजनीकांत को स्वास्थ्य के प्रति चिन्तित रहने की कोई आवश्यकता नहीं है, परन्तु इसकी अनदेखी भी नहीं करनी चाहिए। साउंडाराय रजनीकांत को सर्दी एवं गर्मी से खतरा है, खासकर गर्मी से। दोनों ही साउंडाराय रजनीकांत के लिये ठीक नहीं हैं। साउंडाराय रजनीकांत सूर्य से बचें, विशेषतः यदि साउंडाराय रजनीकांत को किसी ठण्डेे प्रदेश में भ्रमण करना पड़े। ऐसे किसी भी कारण से दूर रहें, जिसके कारण साउंडाराय रजनीकांत के शरीर का तापमान बढ़ सकता हो। जीवन के उत्तर काल में साउंडाराय रजनीकांत को एपोप्लेक्सी से बचकर रहना चाहिए। यह साउंडाराय रजनीकांत के लिये अत्यन्त आवश्यक है कि साउंडाराय रजनीकांत समय पर सोएं और देर रात तक न जागें। क्योंकि काम के समय साउंडाराय रजनीकांत अत्यधिक ऊर्जावान और सदैव गतिशील होते हैं, जिसके कारण साउंडाराय रजनीकांत की दैनिक ऊर्जा का शीघ्र हृास होता है। सिर्फ पर्याप्त निद्रा के द्वारा ही साउंडाराय रजनीकांत अपनी इस ऊर्जा को पुनः प्राप्त कर सकते हैं।
फुरसत के लम्हे साउंडाराय रजनीकांत के लिये विशेष महत्व रखता है तथा साउंडाराय रजनीकांत उन लम्हों को नष्ट नहीं करना चाहते, चाहे साउंडाराय रजनीकांत कितने भी व्यस्त क्यों न हों। निश्चय ही यह साउंडाराय रजनीकांत की बुद्धिमत्ता है, कि साउंडाराय रजनीकांत अपने समय का अधिकतम भाग खुली हवा में बिताना चाहते हैं। साउंडाराय रजनीकांत थकावट भरे खेल पसन्द नहीं करते हैं। लेकिन सैर, फिशिंग, अध्ययन जैसे समय बिताने के कार्य साउंडाराय रजनीकांत को पसन्द हैं।