सुलोचना
Jul 30, 1929
06:30:00
Kolhapur
74 E 13
16 N 42
5.5
Kundli Sangraha (Bhat)
सटीक (स.)
सुलोचना का स्वाभाव ऐसा है कि सुलोचना प्रेम और मित्रता के बगैर रह नहीं सकते हैं। अतः सुलोचना का विवाह जल्दी हो जाएगा यद्यपि सुलोचना के विवाह से पहले एकाधिक प्रेम होंगे। परन्तु विवाहोपरान्त सुलोचना एक बहुत अच्छे जीवनसाथी साबित होंगे। सुलोचना स्वाभाव से अत्यधिक ‘रोमान्टिक‘ हैं। यह सुलोचना की प्रेम इच्छा को और अधिक गहराई देगा, और सुलोचना आघ्यात्मिक होकर प्रेम की नई परिभाषा खोजेंगे।
सुलोचना के लिये आराम की विशेष महत्ता है। परिणामस्वरूप, सुलोचना स्वादलोलुप हैं और भोजन का पूर्ण आनन्द उठाते हैं। निश्चित तौर पर सुलोचना जीने के लिये नहीं खाते, अपितु खाने के लिये जीते हैं। इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि पाचन-तन्त्र सुलोचना के शरीर का ऐसा भाग है, जो सुलोचना को सर्वाधिक परेशानी देगा। सुलोचना को अपच जैसी बीमारियों को अनदेखा नहीं करना चाहिए और जब वे आती हैं, तो उन्हें दवाओं के द्वारा ठीक करने का प्रयत्न नहीं करना चाहिए। सुलोचना को सैर एवं हल्का व्यायाम करना चाहिए। हमारी सुलोचना को यह सलाह है कि सुलोचना पर्याप्त ताजी हवा लें, भोजन पर नियन्त्रण रखें और फलों का सेवन करें। परन्तु यदि फिर भी कोई लाभ न हो, तो चिकित्सक के पास जाने से न झिझकें। पचास साल की आयु के पश्चात् आलस्य जैसे रोगों से दूर रहें। सुलोचना की चीजों को छोड़ने की आदत के कारण सुलोचना जिन्दगी से दूर होत जाएंगे। अपनी वस्तुओं में रूचि रखें, अपनी रुचियों का विकास करें एवं ध्यान रखें कि अगरसुलोचना युवा-मण्डली में रहते हैं, तो सुलोचना कभी भी उम्र का शिकार नहीं होेते।
फुरसत के लम्हे सुलोचना के लिये विशेष महत्व रखता है तथा सुलोचना उन लम्हों को नष्ट नहीं करना चाहते, चाहे सुलोचना कितने भी व्यस्त क्यों न हों। निश्चय ही यह सुलोचना की बुद्धिमत्ता है, कि सुलोचना अपने समय का अधिकतम भाग खुली हवा में बिताना चाहते हैं। सुलोचना थकावट भरे खेल पसन्द नहीं करते हैं। लेकिन सैर, फिशिंग, अध्ययन जैसे समय बिताने के कार्य सुलोचना को पसन्द हैं।