सुंज़ामुल इस्लाम
Jan 17, 1990
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Rajshahi
88 E 39
24 N 22
6
Web
संदर्भ (स.)
प्रेम सम्बन्धों में भी सुंज़ामुल इस्लाम उतने ही ऊर्जावान होंगे, जितने कि सुंज़ामुल इस्लाम काम एवं खेल में हैं। एक बार सुंज़ामुल इस्लाम प्यार में पड़ गये, तो सुंज़ामुल इस्लाम अपने चहेते को प्रतिपल अपने पास रखना चाहेंगे। हालांकि सुंज़ामुल इस्लाम अपने कार्य की अनदेखी नहीं करेंगे, परन्तु एक बार वो खत्म हो गया तो सुंज़ामुल इस्लाम अपने प्रिय से मिलने को निकल पड़ेंगे। जब सुंज़ामुल इस्लाम का विवाह हो जाएगा तो सुंज़ामुल इस्लाम अपने घर पर अधिक ध्यान देंगे। सुंज़ामुल इस्लाम अक्सर जीवनसाथी की व्यापारिक मामलों में मदद करेंगे।
सबसे ऊपर सुंज़ामुल इस्लाम अत्यधिक कार्य और अत्यधिक चिन्ता से दूर रहें। सुंज़ामुल इस्लाम इन दोनों से ग्रसित हो सकते हैं, सुंज़ामुल इस्लाम की प्रकृति इस प्रकार है कि सुंज़ामुल इस्लाम के लिये ये खासे खतरनाक हैं। पर्याप्त नींद लें व ध्यान रखें कि सोते समय अधिक न सोचें। अपने मस्तिष्क को विचार-शून्य रखने का यत्न करें। यदि सम्भव हो तो सप्ताहान्त को आराम के लिये प्रयोग करें, न कि सप्ताह के शेष कार्यों को निपटाने में। अत्यधिक उत्तेजना निश्चित तौर पर सुंज़ामुल इस्लाम के लिये खराब है व जल्दबाजी सुंज़ामुल इस्लाम के लिये अपेक्षाकृत ज्यादा खराब है। अतः सुंज़ामुल इस्लाम शान्तिपूर्ण जीवन जीने का प्रयास करें। सुंज़ामुल इस्लाम को फालतू चिन्ता नहीं करनी चाहिए। सुंज़ामुल इस्लाम को तीस की आयु के बाद अनिद्रा,न्यूरेल्जिया, सरदर्द, नेत्र-तनाव आदि रोग हो सकते हैं।
सुंज़ामुल इस्लाम के अन्दर वस्तुएं एकत्रित करने की भावना अत्यधिक विकसित हैय जैसे चीनी मिट्टी की वस्तुएं, डाक टिकट, पुराने सिक्के या कुछ भी।इससे अधिक सुंज़ामुल इस्लाम को पुरानी वस्तुएं फेंकने या छोड़ने में मुश्किल महसूस होगी। सुंज़ामुल इस्लाम को सदैव यह लगता है कि भविष्य में सुंज़ामुल इस्लाम को इनकी आवश्यकता पड़ेगी। सुंज़ामुल इस्लाम जन्मजात संग्रह के शौकीन हैं। सुंज़ामुल इस्लाम के ऐसे ही अन्य शौक प्रायः इन्डोर होंगे न कि आउटडोर। सुंज़ामुल इस्लाम के अन्दर कार्य करने का धैर्य है और यदि सुंज़ामुल इस्लाम के अन्दर क्षमता नहीं है,तो सुंज़ामुल इस्लाम उसे आसानी से अर्जित कर लेते हैं।