सूर्यकुमार यादव
Sep 14, 1990
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Mumbai
72 E 52
19 N 4
5.5
Dirty Data
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
सूर्यकुमार यादव जीवन को सिर्फ अपने दृष्टिकोण से देखते हैं, सूर्यकुमार यादव की आयु जैसे-जैसे बढ़ेगी, सूर्यकुमार यादव को अपने सुख और दुःख बांटने के लिये एक जीवनसाथी की आवश्यकता महसूस होगी। सूर्यकुमार यादव ‘अपने-घर‘ के सिद्धान्त को मानते हैं और विवाह को इसके क्रियान्वयन का मुख्य साधन मानते हैं। सूर्यकुमार यादव का घर सूर्यकुमार यादव के लिये ईश्वर-स्वरूप होगा। सूर्यकुमार यादव सदैव अपने बच्चों की चाहत रखेंगे, क्योंकि उनके बगैर सूर्यकुमार यादव कभी भी पूूर्णरूप से खुश नहीं रह पाएंगे। निश्चित तौर पर सूर्यकुमार यादव प्रेम के लिये विवाह करेंगे पर जैसे-जैसे समय बीतता जाएगा, सूर्यकुमार यादव अपने जीवनसाथी के बारे में ज्यादा से ज्यादा सोचना आरम्भ कर देंगे। और अन्त में ऐसा समय आएगा, जहां सूर्यकुमार यादव के लिये अपने जीवनसाथी से एक या दो दिन के लिये भी अलग रहना सम्भव नहीं होगा।
सूर्यकुमार यादव को स्वास्थ्य के प्रति चिन्तित रहने की कोई आवश्यकता नहीं है, परन्तु इसकी अनदेखी भी नहीं करनी चाहिए। सूर्यकुमार यादव को सर्दी एवं गर्मी से खतरा है, खासकर गर्मी से। दोनों ही सूर्यकुमार यादव के लिये ठीक नहीं हैं। सूर्यकुमार यादव सूर्य से बचें, विशेषतः यदि सूर्यकुमार यादव को किसी ठण्डेे प्रदेश में भ्रमण करना पड़े। ऐसे किसी भी कारण से दूर रहें, जिसके कारण सूर्यकुमार यादव के शरीर का तापमान बढ़ सकता हो। जीवन के उत्तर काल में सूर्यकुमार यादव को एपोप्लेक्सी से बचकर रहना चाहिए। यह सूर्यकुमार यादव के लिये अत्यन्त आवश्यक है कि सूर्यकुमार यादव समय पर सोएं और देर रात तक न जागें। क्योंकि काम के समय सूर्यकुमार यादव अत्यधिक ऊर्जावान और सदैव गतिशील होते हैं, जिसके कारण सूर्यकुमार यादव की दैनिक ऊर्जा का शीघ्र हृास होता है। सिर्फ पर्याप्त निद्रा के द्वारा ही सूर्यकुमार यादव अपनी इस ऊर्जा को पुनः प्राप्त कर सकते हैं।
समय व्यतीत करने के ऊर्जावान तरीके सूर्यकुमार यादव को आकर्षित करते हैं और वो सूर्यकुमार यादव का सर्वाधिक भला भी करते हैं। तीव्र खेल जैसे फुटबाॅल और टेनिस इत्यादि सूर्यकुमार यादव की ऊर्जा के उपयोग के लिये बेहतरीन खेल हैं और सूर्यकुमार यादव इसके पूर्णतः अनुकूल हैं। सूर्यकुमार यादव मध्य आयु में सैर करना पसन्द करेंगे, लेकिन सूर्यकुमार यादव चार की जगह चैदह मील की सोचेंगे। अवकाश काल में सूर्यकुमार यादव हाथ में समाचार पत्र लिये बैंच पर बैठकर सिर्फ भोजन की प्रतीक्षा नहीं कर सकते। सबसे दूरस्थ पहाडि़यां सूर्यकुमार यादव को आकर्षित करती हैं और सूर्यकुमार यादव यह जानना चाहते हैं कि वे पास से कैसी दिखती हैं।