Suryanarayana Rao
Feb 12, 1956
12:21:00
Chikakol
77 E 21
21 N 29
5.5
Kundli Sangraha (Tendulkar)
सटीक (स.)
Suryanarayana Rao के अनुसार विवाह जीवन का हिस्सा है, जिसे घटित होना ही है। साधारणतः Suryanarayana Rao विवाह-बन्धन से अधिक मित्रता को मानते। सामान्यतः, Suryanarayana Rao प्रेम पत्र नहीं लिखेंगे और जितना कम रोमांस Suryanarayana Rao के प्रेम प्रसंग में आएगा, उतना ही अच्छा है। पर इससे ये निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए कि विवाह के प्रति Suryanarayana Rao का दृष्टिकोण सम्बन्ध-विच्छेद से प्रभावित है। इसके विपरीत यदि एक बार Suryanarayana Rao विवाह बन्धन में बंध गये, तो Suryanarayana Rao इस सम्बन्ध को सामंजस्यव मानवतापूर्ण बनाने का प्रयास करेंगे, जोकि विवाह के कई सालों बाद भी जारी रहेगा।
Suryanarayana Rao की स्वास्थ्य-संरचना बहुत अच्छी है, लेकिन Suryanarayana Rao स्नायु-विकार एवं अपच से पीडि़त रह सकते हैं। पहले का कारण Suryanarayana Rao की जरूरत से ज्यादा संवेदनशील प्रकृति है। Suryanarayana Rao अपेक्षाकृत शीघ्रता से अपनी जीवन-ऊर्जा खो देते है और वह जीवन, Suryanarayana Rao जिसका आनन्द लेते हैं, इसमें Suryanarayana Rao की कोई मदद नहीं करता। अति भोग, अपच का मुख्य कारण है। अपच का मुख्य कारण अधिकता में लिया गया भोजन है। जो Suryanarayana Rao खाते हैं, या तो वह बहुत भारी होता है या दिन में बहुत देरी से लिया हुआ होता है।
Suryanarayana Rao मानसिक रुचियों से समृद्ध हैं एवं व्यवस्थित कला Suryanarayana Rao के लिये बहुत महत्वपूर्ण है। Suryanarayana Rao अवकाश की योजना बनाने में अधिक आनन्द महसूस करते हैं, अपेक्षाकृत कि वास्तविक अवकाश पर जाने में। Suryanarayana Rao पुस्तकों और अध्ययन से प्रेम करते हैं एवं संग्रहालय में घूमने का मजा उठाते हैं। Suryanarayana Rao का पुरानी वस्तुओं की ओर विशेष झुकाव है, खासकर कि अत्यधिक प्राचीन वस्तुओं की ओर।