स्वामी विवेकानंद -1
Jan 12, 1863
6:30:0
88 E 40, 23 N 43
88 E 40
23 N 43
5.5
765 Notable Horoscopes
संदर्भ (स.)
क्योंकि स्वामी विवेकानंद -1 सिक्के के दौनों पहलू देखना जानते हैं,विधि एवं कानून स्वामी विवेकानंद -1 के लिये सर्वोत्तम कार्यक्षेत्र हैं। स्वामी विवेकानंद -1 श्रमिक-मध्यस्थ की तरह या ऐसा कोई भी कार्यक्षेत्र जहां स्वामी विवेकानंद -1 के पास शान्ति एवं सद्भाव बनाये रखने का कार्य हो, बेहतर करेंगे। स्वामी विवेकानंद -1 उन कार्यक्षेत्रों से दूर रहें जहां स्वामी विवेकानंद -1 को तुरन्त एवं बारम्बार निर्णय लेना पड़ता हो क्योंकि ऐसा करने में स्वामी विवेकानंद -1 को कठनाई महसूस होगी।
स्वामी विवेकानंद -1 जो कुछ भी बनेंगे, अपनी इच्छा के कई कार्यों में एक-एक कर के लगेंगे। तब यदि प्रतिदिन एक जैसा कार्य करना पड़े तो स्वामी विवेकानंद -1 बेचैन हो जाते हैं और परिवर्तन तलाश करते हैं। अतः स्वामी विवेकानंद -1 को ऐसा कार्यक्षेत्र चुनना चाहिए जो विविध एवं बहुआयामी हो। स्वामी विवेकानंद -1 को ऐसा कार्य नहीं चुनना चाहिए जिसमें स्वामी विवेकानंद -1 को दिनभर एक कुर्सी पर बैठे रहना पड़े, क्योंकि स्वामी विवेकानंद -1 स्वाभावतःगतिशीलता पसन्द करते हैं। पर्यटन कार्यक्षेत्र स्वामी विवेकानंद -1 को बहुत प्रभावित करता है। लेकिन ऐसे हजारों कार्यक्षेत्र हैं जिसमें स्वामी विवेकानंद -1 को एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाना पड़ता है और रोज नये-नये चेहरे देखने को मिलते हैं और जो स्वामी विवेकानंद -1 के अनुकूल भी है। स्वामी विवेकानंद -1 के अन्दर नेतृत्व के उत्तम गुण हैं, जोकि स्वामी विवेकानंद -1 को पैंतीस की उम्रके बाद स्वयं का मालिक बनाएंगे। इससे भी ज्यादा इस समय स्वामी विवेकानंद -1 नौकरी के अनुरूप नहीं रह पाएंगे।
स्वामी विवेकानंद -1 सभी प्रकार से पैसा बनाने की क्षमता रखते हैं फिर चाहे वह उद्योग हो, व्यापार हो या दूसरों को नौकरी देना हो। स्वामी विवेकानंद -1 हर परेशानी से निकलने का रास्ता जानते हैं और स्वामी विवेकानंद -1 जीवन में जो भी मार्ग चुनेंगे, उसके प्रति कृतसंकल्प रहेंगे। स्वामी विवेकानंद -1 अपने सभी प्रकार के कार्यों में बड़े जोखिम उठाने वाले हैं। स्वामी विवेकानंद -1 जीवन को खेल की तरह ज्यादा लेते हैं बजाय कि गम्भीरता से लेने के। व्यापक स्तर पर भाग्य स्वामी विवेकानंद -1 का जीवन के उत्तरार्ध में साथ देगा। स्वामी विवेकानंद -1 को वित्तीय सम्बन्धों की चिन्ता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। एक बार स्वामी विवेकानंद -1 के जीवन का प्रारम्भिक भाग पूर्ण हो जाए, स्वामी विवेकानंद -1 उस समय में रखी हुई बुनियाद का पूरा फायदा उठाएंगे। स्वामी विवेकानंद -1 को जीवन में धन व पद प्राप्त होगा।