टेड बंडी
Nov 24, 1946
22:35:00
Burlington
74 W 51
40 N 4
-5
Web
संदर्भ (स.)
टेड बंडी जीवन को सिर्फ अपने दृष्टिकोण से देखते हैं, टेड बंडी की आयु जैसे-जैसे बढ़ेगी, टेड बंडी को अपने सुख और दुःख बांटने के लिये एक जीवनसाथी की आवश्यकता महसूस होगी। टेड बंडी ‘अपने-घर‘ के सिद्धान्त को मानते हैं और विवाह को इसके क्रियान्वयन का मुख्य साधन मानते हैं। टेड बंडी का घर टेड बंडी के लिये ईश्वर-स्वरूप होगा। टेड बंडी सदैव अपने बच्चों की चाहत रखेंगे, क्योंकि उनके बगैर टेड बंडी कभी भी पूूर्णरूप से खुश नहीं रह पाएंगे। निश्चित तौर पर टेड बंडी प्रेम के लिये विवाह करेंगे पर जैसे-जैसे समय बीतता जाएगा, टेड बंडी अपने जीवनसाथी के बारे में ज्यादा से ज्यादा सोचना आरम्भ कर देंगे। और अन्त में ऐसा समय आएगा, जहां टेड बंडी के लिये अपने जीवनसाथी से एक या दो दिन के लिये भी अलग रहना सम्भव नहीं होगा।
टेड बंडी के अन्दर प्रचुर ऊर्जा है। टेड बंडी हृष्ट-पुष्ट हैं व साधारणतः टेड बंडी किसी प्रकार के रोग से ग्रसित नहीं होंगे, जब तक कि टेड बंडी जरूरत से बहुत ज्यादा कार्य नहीं करते। सिर्फ इसलिये कि टेड बंडी मोमबत्ती को दोनों सिरों से जला सकते हैं, टेड बंडी को यह करने के बारे में नहीं सोचना चाहिए। टेड बंडी को अपने प्रति संयमी होना चाहिए और अपने स्वास्थ्य-कोष में से जरूरत से ज्यादा लेने का प्रयास नहीं करना चाहिए अन्यथा टेड बंडी जीवन के उत्तरार्ध में गम्भीर बीमारियों को निमन्त्रण दे सकते हैं। बीमारी यदि प्रायः नहीं आती है, तो अचानक ही आएगी। यद्यपि उसने परिपक्व होने में काफी लम्बा समय लिया होगा। टेड बंडी थोड़ा सा दिमाग लगाने पर पाएंगे कि टेड बंडी ने रोग को स्वयं ही आमन्त्रित किया है। इसमें कोई शक नहीं है कि टेड बंडी उससे बच सकते थे। टेड बंडी के नेत्र टेड बंडी की कमजोरी हैं और कृपया उसका ख्याल रखें। टेड बंडी पैंतीस की उम्र के बाद नेत्र-विकार से ग्रसित हो सकते हैं।
टेड बंडी के कई शौक हैं और टेड बंडी इन शौकों से ओत-प्रोत हैं। परन्तु अचानक ही टेड बंडी धैर्य खो देते हैं व उन्हें एक तरफ कर देते हैं । फिर टेड बंडी कोई नया शौक चुन लेते हैं और उसका भी यही हश्र होता है। टेड बंडी जीवन को इसी तरह से जीते जाते हैं। सारांशतः टेड बंडी की अभिरुचियां टेड बंडी को पर्याप्त आनन्द देती हैं, साथ ही टेड बंडी को बहुत कुछ सीखने का मौका भी देती हैं।