उत्पल दत्त
Mar 29, 1929
12:00:00
Barisal
90 E 20
22 N 45
6
Dirty Data
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
उत्पल दत्त के अनुसार विवाह जीवन का हिस्सा है, जिसे घटित होना ही है। साधारणतः उत्पल दत्त विवाह-बन्धन से अधिक मित्रता को मानते। सामान्यतः, उत्पल दत्त प्रेम पत्र नहीं लिखेंगे और जितना कम रोमांस उत्पल दत्त के प्रेम प्रसंग में आएगा, उतना ही अच्छा है। पर इससे ये निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए कि विवाह के प्रति उत्पल दत्त का दृष्टिकोण सम्बन्ध-विच्छेद से प्रभावित है। इसके विपरीत यदि एक बार उत्पल दत्त विवाह बन्धन में बंध गये, तो उत्पल दत्त इस सम्बन्ध को सामंजस्यव मानवतापूर्ण बनाने का प्रयास करेंगे, जोकि विवाह के कई सालों बाद भी जारी रहेगा।
उत्पल दत्त को स्वास्थ्य के प्रति चिन्तित रहने की कोई आवश्यकता नहीं है, परन्तु इसकी अनदेखी भी नहीं करनी चाहिए। उत्पल दत्त को सर्दी एवं गर्मी से खतरा है, खासकर गर्मी से। दोनों ही उत्पल दत्त के लिये ठीक नहीं हैं। उत्पल दत्त सूर्य से बचें, विशेषतः यदि उत्पल दत्त को किसी ठण्डेे प्रदेश में भ्रमण करना पड़े। ऐसे किसी भी कारण से दूर रहें, जिसके कारण उत्पल दत्त के शरीर का तापमान बढ़ सकता हो। जीवन के उत्तर काल में उत्पल दत्त को एपोप्लेक्सी से बचकर रहना चाहिए। यह उत्पल दत्त के लिये अत्यन्त आवश्यक है कि उत्पल दत्त समय पर सोएं और देर रात तक न जागें। क्योंकि काम के समय उत्पल दत्त अत्यधिक ऊर्जावान और सदैव गतिशील होते हैं, जिसके कारण उत्पल दत्त की दैनिक ऊर्जा का शीघ्र हृास होता है। सिर्फ पर्याप्त निद्रा के द्वारा ही उत्पल दत्त अपनी इस ऊर्जा को पुनः प्राप्त कर सकते हैं।
उत्पल दत्त के कई शौक हैं और उत्पल दत्त इन शौकों से ओत-प्रोत हैं। परन्तु अचानक ही उत्पल दत्त धैर्य खो देते हैं व उन्हें एक तरफ कर देते हैं । फिर उत्पल दत्त कोई नया शौक चुन लेते हैं और उसका भी यही हश्र होता है। उत्पल दत्त जीवन को इसी तरह से जीते जाते हैं। सारांशतः उत्पल दत्त की अभिरुचियां उत्पल दत्त को पर्याप्त आनन्द देती हैं, साथ ही उत्पल दत्त को बहुत कुछ सीखने का मौका भी देती हैं।