विदू विनोद चोपड़ा
Sep 5, 1952
12:00:00
Srinagar
87 E 22
25 N 57
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
विदू विनोद चोपड़ा के अनुसार विवाह जीवन का हिस्सा है, जिसे घटित होना ही है। साधारणतः विदू विनोद चोपड़ा विवाह-बन्धन से अधिक मित्रता को मानते। सामान्यतः, विदू विनोद चोपड़ा प्रेम पत्र नहीं लिखेंगे और जितना कम रोमांस विदू विनोद चोपड़ा के प्रेम प्रसंग में आएगा, उतना ही अच्छा है। पर इससे ये निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए कि विवाह के प्रति विदू विनोद चोपड़ा का दृष्टिकोण सम्बन्ध-विच्छेद से प्रभावित है। इसके विपरीत यदि एक बार विदू विनोद चोपड़ा विवाह बन्धन में बंध गये, तो विदू विनोद चोपड़ा इस सम्बन्ध को सामंजस्यव मानवतापूर्ण बनाने का प्रयास करेंगे, जोकि विवाह के कई सालों बाद भी जारी रहेगा।
विदू विनोद चोपड़ा को स्वास्थ्य के प्रति चिन्तित रहने की कोई आवश्यकता नहीं है, परन्तु इसकी अनदेखी भी नहीं करनी चाहिए। विदू विनोद चोपड़ा को सर्दी एवं गर्मी से खतरा है, खासकर गर्मी से। दोनों ही विदू विनोद चोपड़ा के लिये ठीक नहीं हैं। विदू विनोद चोपड़ा सूर्य से बचें, विशेषतः यदि विदू विनोद चोपड़ा को किसी ठण्डेे प्रदेश में भ्रमण करना पड़े। ऐसे किसी भी कारण से दूर रहें, जिसके कारण विदू विनोद चोपड़ा के शरीर का तापमान बढ़ सकता हो। जीवन के उत्तर काल में विदू विनोद चोपड़ा को एपोप्लेक्सी से बचकर रहना चाहिए। यह विदू विनोद चोपड़ा के लिये अत्यन्त आवश्यक है कि विदू विनोद चोपड़ा समय पर सोएं और देर रात तक न जागें। क्योंकि काम के समय विदू विनोद चोपड़ा अत्यधिक ऊर्जावान और सदैव गतिशील होते हैं, जिसके कारण विदू विनोद चोपड़ा की दैनिक ऊर्जा का शीघ्र हृास होता है। सिर्फ पर्याप्त निद्रा के द्वारा ही विदू विनोद चोपड़ा अपनी इस ऊर्जा को पुनः प्राप्त कर सकते हैं।
यात्रा विदू विनोद चोपड़ा के लिये समय व्यतीत करने का सर्वोत्तम साधन है, काश कि विदू विनोद चोपड़ा के पास खुले दिल से इसमें लगाने के लिये समय एवं धन होता।विदू विनोद चोपड़ा को कम से ही सन्तुष्ट होना सीखना चाहिए। ताश खेलना आनन्ददायी है और इसमें कोई शक नहीं है कि विदू विनोद चोपड़ा को वस्तुएं निर्मित करने में एक अलग मजा आता है,चाहे वो वायरलॅस सेट बनाना हो या फोटोग्राफिक प्रिण्ट लेना।