विजय आनंद
Jan 22, 1934
16:30:0
Gurdaspur
75 E 28
32 N 4
5.5
Kundli Sangraha (Tendulkar)
सटीक (स.)
जहां तक विजय आनंद जैसे लोगों का प्रश्न है, आध्यात्मिक प्रेम का कोई अस्तित्व नहीं है। विजय आनंद प्रेम में अत्यधिक व्यग्र होते हैं। यदि विजय आनंद ने एकबार व्यक्त कर दिया, तो विजय आनंद अपने लगाव से विमुख नहीं होते हैं। यद्यपि, विरोधी की भूमिका में जो कोई भी हो, विजय आनंद उससे बलपूर्वक निपटते हैं।
विजय आनंद शारीरिक रूप से शक्तिशाली हैं लेकिन जरूरत से ज्यादा कार्य विजय आनंद की समस्या है। विजय आनंद जो भी कुछ करते हैं, बहुत ज्यादा मानसिक दवाब में करते हैं, अन्ततः विजय आनंद अपने कर्म का पूर्ण फल प्राप्त करते हैं। अपने बॉस के द्वारा प्रशंसा की गई स्थिति के बाद ज्यादा उत्तेजित ना हों । विजय आनंद को अपने कार्यो मे शान्ति बरतनी चाहिये, जीवन में और भी मिठास दिखाई देगा । सैर व भोजन में थोड़ा अधिक समय देना चाहिये। जितना संभव हो सके अपने अंदर के आलस को दूर करें और साथ ही ओवरटाइम’ कार्य के प्रति सजग भी रह सकते हैं । लम्बी छुट्टियाँ लेने से बचें । जब बीमारी आएगी, तो विजय आनंद का हृदय विजय आनंद को परेशानी देने वाला प्रथम अंग होगा। जिसे विजय आनंद दूर करने में सजग रहेंगे। यदि विजय आनंद ने अत्यधिक कार्य किया है तो समाज विजय आनंद को सम्मानित करेगा ।
विजय आनंद के कई शौक हैं और विजय आनंद इन शौकों से ओत-प्रोत हैं। परन्तु अचानक ही विजय आनंद धैर्य खो देते हैं व उन्हें एक तरफ कर देते हैं । फिर विजय आनंद कोई नया शौक चुन लेते हैं और उसका भी यही हश्र होता है। विजय आनंद जीवन को इसी तरह से जीते जाते हैं। सारांशतः विजय आनंद की अभिरुचियां विजय आनंद को पर्याप्त आनन्द देती हैं, साथ ही विजय आनंद को बहुत कुछ सीखने का मौका भी देती हैं।