विजय घाट
Jul 17, 1968
12:0:00
Jabalpur
79 E 57
23 N 10
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
विजय घाट के अनुसार विवाह जीवन का हिस्सा है, जिसे घटित होना ही है। साधारणतः विजय घाट विवाह-बन्धन से अधिक मित्रता को मानते। सामान्यतः, विजय घाट प्रेम पत्र नहीं लिखेंगे और जितना कम रोमांस विजय घाट के प्रेम प्रसंग में आएगा, उतना ही अच्छा है। पर इससे ये निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए कि विवाह के प्रति विजय घाट का दृष्टिकोण सम्बन्ध-विच्छेद से प्रभावित है। इसके विपरीत यदि एक बार विजय घाट विवाह बन्धन में बंध गये, तो विजय घाट इस सम्बन्ध को सामंजस्यव मानवतापूर्ण बनाने का प्रयास करेंगे, जोकि विवाह के कई सालों बाद भी जारी रहेगा।
विजय घाट की आयु भाग्य से अधिक स्वयं विजय घाट के ऊपर निर्भर करती है। विजय घाट के अन्दर अपनी आयु को लम्बा करने की क्षमता है। लेकिन, यदि विजय घाट ऐसा चाहते हैं तो विजय घाट को अपने फेंफड़ों का विशेष ध्यान रखना पड़ेगा। जितना सम्भव हो ताजी हवा लें और खुले आसमान के नीचे सैर करें। प्रतिदिन सैर का अभ्यास करें और देखें कि विजय घाट का सिर सीधा है व छाती खुली हुई। सर्दी और जुकाम को कभी भी अनदेखा न करें, नम वायु विजय घाट के लिये खासी खतरनाक है। दूसरी चेतावनी के तौर पर विजय घाट अपने पाचन-तन्त्र का ध्यान रखें। भारी एवं दुष्पाच्य भोजन न लें। याद रखें कि सादा भोजन विजय घाट के लिये सर्वोत्तम है।
विजय घाट के कई शौक हैं और विजय घाट इन शौकों से ओत-प्रोत हैं। परन्तु अचानक ही विजय घाट धैर्य खो देते हैं व उन्हें एक तरफ कर देते हैं । फिर विजय घाट कोई नया शौक चुन लेते हैं और उसका भी यही हश्र होता है। विजय घाट जीवन को इसी तरह से जीते जाते हैं। सारांशतः विजय घाट की अभिरुचियां विजय घाट को पर्याप्त आनन्द देती हैं, साथ ही विजय घाट को बहुत कुछ सीखने का मौका भी देती हैं।