विनय पाठक
Jul 12, 1968
12:0:0
Bhojpur
77 E 41
23 N 10
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
विनय पाठक के अनुसार विवाह जीवन का हिस्सा है, जिसे घटित होना ही है। साधारणतः विनय पाठक विवाह-बन्धन से अधिक मित्रता को मानते। सामान्यतः, विनय पाठक प्रेम पत्र नहीं लिखेंगे और जितना कम रोमांस विनय पाठक के प्रेम प्रसंग में आएगा, उतना ही अच्छा है। पर इससे ये निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए कि विवाह के प्रति विनय पाठक का दृष्टिकोण सम्बन्ध-विच्छेद से प्रभावित है। इसके विपरीत यदि एक बार विनय पाठक विवाह बन्धन में बंध गये, तो विनय पाठक इस सम्बन्ध को सामंजस्यव मानवतापूर्ण बनाने का प्रयास करेंगे, जोकि विवाह के कई सालों बाद भी जारी रहेगा।
विनय पाठक की आयु भाग्य से अधिक स्वयं विनय पाठक के ऊपर निर्भर करती है। विनय पाठक के अन्दर अपनी आयु को लम्बा करने की क्षमता है। लेकिन, यदि विनय पाठक ऐसा चाहते हैं तो विनय पाठक को अपने फेंफड़ों का विशेष ध्यान रखना पड़ेगा। जितना सम्भव हो ताजी हवा लें और खुले आसमान के नीचे सैर करें। प्रतिदिन सैर का अभ्यास करें और देखें कि विनय पाठक का सिर सीधा है व छाती खुली हुई। सर्दी और जुकाम को कभी भी अनदेखा न करें, नम वायु विनय पाठक के लिये खासी खतरनाक है। दूसरी चेतावनी के तौर पर विनय पाठक अपने पाचन-तन्त्र का ध्यान रखें। भारी एवं दुष्पाच्य भोजन न लें। याद रखें कि सादा भोजन विनय पाठक के लिये सर्वोत्तम है।
विनय पाठक के कई शौक हैं और विनय पाठक इन शौकों से ओत-प्रोत हैं। परन्तु अचानक ही विनय पाठक धैर्य खो देते हैं व उन्हें एक तरफ कर देते हैं । फिर विनय पाठक कोई नया शौक चुन लेते हैं और उसका भी यही हश्र होता है। विनय पाठक जीवन को इसी तरह से जीते जाते हैं। सारांशतः विनय पाठक की अभिरुचियां विनय पाठक को पर्याप्त आनन्द देती हैं, साथ ही विनय पाठक को बहुत कुछ सीखने का मौका भी देती हैं।