योगेश्वर दत्त
Nov 2, 1982
12:00:00
Bhainswal Kalan
77 E 1
28 N 59
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
योगेश्वर दत्त के अनुसार विवाह जीवन का हिस्सा है, जिसे घटित होना ही है। साधारणतः योगेश्वर दत्त विवाह-बन्धन से अधिक मित्रता को मानते। सामान्यतः, योगेश्वर दत्त प्रेम पत्र नहीं लिखेंगे और जितना कम रोमांस योगेश्वर दत्त के प्रेम प्रसंग में आएगा, उतना ही अच्छा है। पर इससे ये निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए कि विवाह के प्रति योगेश्वर दत्त का दृष्टिकोण सम्बन्ध-विच्छेद से प्रभावित है। इसके विपरीत यदि एक बार योगेश्वर दत्त विवाह बन्धन में बंध गये, तो योगेश्वर दत्त इस सम्बन्ध को सामंजस्यव मानवतापूर्ण बनाने का प्रयास करेंगे, जोकि विवाह के कई सालों बाद भी जारी रहेगा।
योगेश्वर दत्त को स्वास्थ्य के प्रति चिन्तित रहने की कोई आवश्यकता नहीं है, परन्तु इसकी अनदेखी भी नहीं करनी चाहिए। योगेश्वर दत्त को सर्दी एवं गर्मी से खतरा है, खासकर गर्मी से। दोनों ही योगेश्वर दत्त के लिये ठीक नहीं हैं। योगेश्वर दत्त सूर्य से बचें, विशेषतः यदि योगेश्वर दत्त को किसी ठण्डेे प्रदेश में भ्रमण करना पड़े। ऐसे किसी भी कारण से दूर रहें, जिसके कारण योगेश्वर दत्त के शरीर का तापमान बढ़ सकता हो। जीवन के उत्तर काल में योगेश्वर दत्त को एपोप्लेक्सी से बचकर रहना चाहिए। यह योगेश्वर दत्त के लिये अत्यन्त आवश्यक है कि योगेश्वर दत्त समय पर सोएं और देर रात तक न जागें। क्योंकि काम के समय योगेश्वर दत्त अत्यधिक ऊर्जावान और सदैव गतिशील होते हैं, जिसके कारण योगेश्वर दत्त की दैनिक ऊर्जा का शीघ्र हृास होता है। सिर्फ पर्याप्त निद्रा के द्वारा ही योगेश्वर दत्त अपनी इस ऊर्जा को पुनः प्राप्त कर सकते हैं।
योगेश्वर दत्त अपने हाथों द्वारा कला को विलक्षण रूप से अभिव्यक्त करने में सक्षम हैं। एक पुरूष के तौर पर, योगेश्वर दत्त घर के लिये सामान बना सकते हैं और बच्चों के खिलौनों को बेहतर बनाने में आनन्द महसूस करते हैं। योगेश्वर दत्त एक सिलाई-कढ़ाई करने वाले, चित्रकार आदि होंगे और बच्चों के कपड़े खरीदने से अधिक बनाना पसन्द करेंगे।