यूसुफ पठान
Nov 17, 1982
12:00:00
Baroda
73 E 13
22 N 18
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
यूसुफ पठान के अनुसार विवाह जीवन का हिस्सा है, जिसे घटित होना ही है। साधारणतः यूसुफ पठान विवाह-बन्धन से अधिक मित्रता को मानते। सामान्यतः, यूसुफ पठान प्रेम पत्र नहीं लिखेंगे और जितना कम रोमांस यूसुफ पठान के प्रेम प्रसंग में आएगा, उतना ही अच्छा है। पर इससे ये निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए कि विवाह के प्रति यूसुफ पठान का दृष्टिकोण सम्बन्ध-विच्छेद से प्रभावित है। इसके विपरीत यदि एक बार यूसुफ पठान विवाह बन्धन में बंध गये, तो यूसुफ पठान इस सम्बन्ध को सामंजस्यव मानवतापूर्ण बनाने का प्रयास करेंगे, जोकि विवाह के कई सालों बाद भी जारी रहेगा।
स्वास्थ्य के बारे में यूसुफ पठान को चिन्ता करने की कोई भी जरूरत नहीं है। हाँलाकि यूसुफ पठान की शारीरिक-संरचना आदर्श नहीं है, परन्तु इसमें कोई बड़ी समस्या भी नहीं है। लेकिन यूसुफ पठान को ध्यान देने की आवश्यकता है। फेंफड़े यूसुफ पठान के दुर्बलतम अंग हैं, पर स्नायु भी यूसुफ पठान को परेशानी दे सकते हैं। यूसुफ पठान सिरदर्द एवं माइगे्रन से पीडि़त हो सकते हैं। जितना सम्भव हो प्राकृतिक जीवन जिएं, खुली हवा का आनन्द लें और अपने खान-पान का ध्यान रखें।
पठन, चित्रकारी, नाटक और इसी तरह के समय बिताने के वेतरीके, जिसमें कलात्मक व साहित्यिक सोच की आवश्यकता हो; यूसुफ पठान के दिमाग में घरकरेंगे। इसमें कोई आश्चर्य नहीं होगा, यदि यूसुफ पठान के अन्दर आध्यात्मिकता या पराविद्याके प्रति रुचि जागृत हो। यात्रा से जुड़ी सभी वस्तुएं यूसुफ पठान को आकर्षित करतीहैं, चाहे वह ज़मीन हो, समुद्र या हवा हो। क्रिकेट एवं फुटबाॅल जैसे खेलों के लिये यूसुफ पठान के पास बहुत कम समय होगा। यद्यपि, यूसुफ पठान के पास टेबिल-टेनिस, कैरम,बैडमिण्टन जैसे ‘इन्डोर‘ खेलों में यूसुफ पठान की अभिरुचि होगी।