ज़हीर ख़ान
Oct 07, 1978
12:00:00
Shrirampur
88 E 21
22 N 44
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
ज़हीर ख़ान के अन्दर विषय की गहराइयों को समझने की क्षमता है और ज़हीर ख़ान को उसी दिशा में कार्यक्षेत्र का चयन करना चाहिये। ये प्रोजेक्ट अपने ज़हीर ख़ान में पूर्ण होने चाहिये और उसे खत्म करने की कोई समय-सीमा या दवाब नहीें होनी चाहिये। उदाहरणार्थ, यदि ज़हीर ख़ान ‘इंटीरियर डीजाइन‘ को अपना कार्यक्षेत्र बनाते हैं, तो ज़हीर ख़ान के उपभोक्ताओं के पास प्रचुर धन होना चाहिये ताकि ज़हीर ख़ान अपना कार्य उत्तम तरीके से कर सकें।
ज़हीर ख़ान जो कुछ भी बनेंगे, अपनी इच्छा के कई कार्यों में एक-एक कर के लगेंगे। तब यदि प्रतिदिन एक जैसा कार्य करना पड़े तो ज़हीर ख़ान बेचैन हो जाते हैं और परिवर्तन तलाश करते हैं। अतः ज़हीर ख़ान को ऐसा कार्यक्षेत्र चुनना चाहिए जो विविध एवं बहुआयामी हो। ज़हीर ख़ान को ऐसा कार्य नहीं चुनना चाहिए जिसमें ज़हीर ख़ान को दिनभर एक कुर्सी पर बैठे रहना पड़े, क्योंकि ज़हीर ख़ान स्वाभावतःगतिशीलता पसन्द करते हैं। पर्यटन कार्यक्षेत्र ज़हीर ख़ान को बहुत प्रभावित करता है। लेकिन ऐसे हजारों कार्यक्षेत्र हैं जिसमें ज़हीर ख़ान को एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाना पड़ता है और रोज नये-नये चेहरे देखने को मिलते हैं और जो ज़हीर ख़ान के अनुकूल भी है। ज़हीर ख़ान के अन्दर नेतृत्व के उत्तम गुण हैं, जोकि ज़हीर ख़ान को पैंतीस की उम्रके बाद स्वयं का मालिक बनाएंगे। इससे भी ज्यादा इस समय ज़हीर ख़ान नौकरी के अनुरूप नहीं रह पाएंगे।
वित्त का प्रश्न ज़हीर ख़ान के लिये अत्यन्त विशिष्ट है। ज़हीर ख़ान के धन सम्बन्ध में हमेशा ही अनिश्चय व उतार-चढ़ाव की सम्भावना है,लेकिन ज़हीर ख़ान अपने आविष्कारिक विचारों के कारण खूब धनार्जन करेंगे। ज़हीर ख़ान कल्पनाओं और स्वप्न लोक में जीते हैं तथा निराशा को प्राप्त होते हैं। ज़हीर ख़ान को हर प्रकार की सट्टेबाजी और जुए से दूर रहना चाहिए। आर्थिक मामलों में ज़हीर ख़ान के साथ संभावित से अधिक असंभावित घटित होता है। ज़हीर ख़ान के मस्तिष्क में मौलिक विचारों व युक्तियों का जन्म होगा, जोकि अन्य लोगों के विचारों से सामंजस्य स्थापित नहीं कर पाएगा। ज़हीर ख़ान असामान्य तरीके पैसा बनाएंगे, ज़हीर ख़ान एक आविष्कारक या असाधारण व्यवसायी होंगे। कई माइनों में, आविष्कार, जोखिम से जुड़े व्यापार इत्यादि में ज़हीर ख़ान भाग्यशाली होंगे। ज़हीर ख़ान के पास मौलिक विचार एवं उसके लिये योजनाएं होंगी, लेकिन उनके क्रियान्वयन के लिए भागीदार से सामंजस्य नहीं हो पाएगा। इस प्रकार ज़हीर ख़ान अपनी कई उत्तम योजनाओं का दुःखद अन्त देखेंगे।