आचार्य राजनीश
Dec 11, 1931
17:13:00
Kachanara
75 E 17
23 N 53
5.5
The Times Select Horoscopes
सटीक (स.)
आचार्य रजनीश सौन्दर्य-प्रेमी हैं, चाहे वह कला, दर्शनीयस्थल या आकर्षक व्यक्ति ही क्यों न हो। आचार्य रजनीश केवल बाह्य सौन्दर्य ही नहीं,अपितु आन्तरिक सौन्दर्य के प्रति भी आकर्षित होते हैं। अच्छा संगीत आचार्य रजनीश को पसन्द आता है, किसी व्यक्ति का सच्चरित्र आचार्य रजनीश को पसन्द आता है। आचार्य रजनीश सामान्य से ऊपर प्रत्येक वस्तुओं के पारखी हैं।दूसरों को खुश करने की आचार्य रजनीश के अन्दर नैसर्गिक क्षमता है। आचार्य रजनीश परेशान लोेगों को सान्त्वना देना अच्छी तरह से जानते हैं और आचार्य रजनीश जानते हैं कि लोगों को अपने आचार्य रजनीश से खुश कैसे रखा जाये। यह एक विरला गुण हैं एवं इस कारण संसार में आचार्य रजनीश जैसे व्यक्ति कम ही हैं।आचार्य रजनीश अन्य लोगों जितने व्यावहारिक नहीं है और आचार्य रजनीश समय के भी पाबन्द नहीं हैं।आचार्य रजनीश आवश्यकता से अधिक संवेदनशील और जो कि आचार्य रजनीश को कभी-कभी परेशानी में डाल देती है परन्तु आचार्य रजनीश की खिन्नता लड़ाई-झगड़े के रूप में बाहर नहीं आती है। असामंजस्य से आचार्य रजनीश हर कीमत पर दूर रहते हैं। सम्भवतः आचार्य रजनीश अपने मन से दुःख को दूर रखते हैं।
आचार्य रजनीश आदर्शवादी व प्रेरणादायक हैं, क्योंकि आचार्य रजनीश में अन्तर्निहित आध्यात्मिक विश्वास है। आचार्य रजनीश बहुत संवेदनशील, लोकप्रिय और दूसरों की भावनाओं की कद्र करने वाले हैं। आचार्य रजनीश ये जानते हैं कि जीवन की कठिनाइयाँ ही जीवन का पाठ हैं, जो कि आचार्य रजनीश को पूर्णता प्राप्ति के लिये सीखने पड़ेंगे और यही आचार्य रजनीश के सुख का प्रमुख कारण भी है।आचार्य रजनीश अपने अंदर गूढ़ रहस्य समाए हुए रहते हैं। इसी वजह से सामान्य विषयों से इतर आचार्य रजनीश की पकड़ कुछ ऐसे विषयों पर होगी जो हर किसी के बस की बात नहीं होगी। दूसरी ओर सामान्य शिक्षा की बात करें तो आचार्य रजनीश को उसमें चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। अत्यधिक मेहनत और लगन के साथ प्रयास करने पर ही शिक्षा में सफलता मिल सकती है। आचार्य रजनीश को नियमित रूप से अपनी विद्या के प्रति जागरूक रहना होगा और अभ्यास करना होगा ताकि आचार्य रजनीश विषयों को समझकर उन्हें अपने अंदर समाहित कर सकें। अक्सर आचार्य रजनीश बुरी संगति के शिकार हो जाते हैं। आचार्य रजनीश को इस ओर विशेष रुप से ध्यान देना चाहिए क्योंकि बुरी संगति के कारण आचार्य रजनीश की शिक्षा पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा और ऐसी संभावना है कि आचार्य रजनीश की शिक्षा में रुकावट आए। कई बार स्थितियां आचार्य रजनीश के विपरीत होंगी और आचार्य रजनीश को शिक्षा से विमुख कर सकती हैं, इसलिए आचार्य रजनीश को अपनी शिक्षा के मामले में गंभीरता से विचार करते हुए उस पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
आचार्य रजनीश अपने वैवाहिक जीवन के आनन्द को सदैव हीे बढ़ाना चाहते हैं। यदि बाह्य तथ्यों से आचार्य रजनीश को यह लगता है कि भौतिक सम्पन्नता जीवन के लिये नितान्त आवश्यक है, तो आचार्य रजनीश उसे प्राप्त करने के लिये पूर्ण प्रयास करते हैं। आचार्य रजनीश का लक्ष्य चाहें कुछ भी हो, लेकिन कार्य ही आचार्य रजनीश के लिये प्रेरणा है। इसे जानते हुए, न कि इसका विरोध करते हुए इसका ठीक इस्तेमाल करें।