आचार्य राजनीश
Dec 11, 1931
17:13:00
Kachanara
75 E 17
23 N 53
5.5
The Times Select Horoscopes
सटीक (स.)
आचार्य राजनीश को ऐसा कार्यक्षेत्र चुनना चाहिए जिसमें आचार्य राजनीश समूह में काम करते हों और जहाँ कार्य सम्पन्न करने की समय-सीमा अनिश्चित हो।आचार्य राजनीश को कोई ऐसा कार्यक्षेत्र चुनना चाहिए, जहाँ सहभागिता से काम होता हो,उदाहरणार्थ समूह का नेतृत्व करना आदि।
आचार्य राजनीश की ऊर्जा एवं शक्ति आचार्य राजनीश के व्यक्तित्व का एक विशेष गुण है। जब अन्य लोग सोच रहे होते है तब आचार्य राजनीश कर रहे होते हैं और ‘जो पहले आवे सो पावे‘। आचार्य राजनीश को ऐसे सभी कार्यक्षेत्रों को भूल जान चाहिये जहां सूट-बूट एवं दिखावे का बोलबाला हो। आचार्य राजनीश ऐसी वाह्य गुणों से परे कहीं अधिक व्यावहारिक हैं। यहां तक कि वे आचार्य राजनीश को व्यग्र कर देती हैं। आचार्य राजनीश जमीन से जुड़े एक कार्यशील व्यक्ति हैं जो सबकुछ करने के लिये सदैव तत्पर रहता है। आचार्य राजनीश सच्चे जीवन और फिल्मी पर्दे दोनों में एक अन्वेषक की भूमिका बखूबी कर सकते हैं। आचार्य राजनीश एक ‘सर्जन‘ की तरह बेहतर कार्य कर सकते हैं बजाय कि एक वित्तीय सलाहकार के। ऐसा कोई भी कार्य जहां कुछ बनाने की कला कि आवश्यकता होती है आचार्य राजनीश वहां सफल हो सकते हैं। इंजीनियरिंग इस प्रकार का एक कार्यक्षेत्र कहा जा सकता है। समुद्र सम्बन्धी ऐसे कई कार्य हैं जो आचार्य राजनीश के लिये पूर्णतः उपयुक्त हैं। आचार्य राजनीश के अन्दर एक वायुयान-चालक सरीखा साहस है। जमीन से जुड़ी हुई आचार्य राजनीश की ऊर्जा के अनुरूप भी कई कार्यक्षेत्र हैं। आचार्य राजनीश सिर्फ एक बेहतरीन किसान ही नहीं हो सकते बल्कि आचार्य राजनीश एक बेहतर सर्वेक्षक, खदान इंजीनियर या खदान-अन्वेषक भी हो सकते हैं।
आचार्य राजनीश के जीवन में वित्त सम्बन्धी कई उतार-चढ़ाव आएंगे, मुख्यतः आचार्य राजनीश की जल्दबाजी एवं अपनी क्षमता से अधिक का काम करने के कारण।आचार्य राजनीश एक सफल कम्पनी प्रमोटर, शिक्षक, वक्ता या आयोजक हो सकते हैं। आचार्य राजनीश के अन्दर सदैव से ही पैसा बनाने की क्षमता है, लेकिन साथ ही साथ इस दौरान आचार्य राजनीश के कई शत्रु बन सकते हैं। आचार्य राजनीश के व्यापार व उद्योग से अच्छी धनार्जन की उम्मीद है और आचार्य राजनीश के जीवन में असीम धनार्जन की अनेक अवसर आएंगे यदि आचार्य राजनीश अपनी इच्छा शक्ति पर काबू रखते हैं। जो कि समय-समय पर खर्चीले मुकदमों या आचार्य राजनीश के शक्तिशाली शत्रुओं की वजह से आचार्य राजनीश के हाथ से जा सकते हैं। अतः आचार्य राजनीश को लोगों के नियंत्रण की विद्या सीखने का प्रयास करना चाहिये एवं मतभेदों से भी बचना चाहिये।