दादासाहेब फाल्के
Mar 19, 1871
20:34:32
Trimbakeshwar
73 E 52
19 N 56
5.5
Kundli Sangraha (Bhat)
सटीक (स.)
Dadasaheb Phalke के अन्दर अनेक वांछनीय गुण हैं। प्रथमतः Dadasaheb Phalke काम का आनन्द लेते हैं, Dadasaheb Phalke में अपना काम करने की असीम शक्ति और सामथ्र्य है। Dadasaheb Phalke स दैव सजग रहते हैं। इन सभी गुणों के समागम के कारण Dadasaheb Phalke का Dadasaheb Phalke ने क्रियाक्षेत्र परव्यापक प्रभाव होता है।आश्चर्यजनक रूप से Dadasaheb Phalke अपने काम में व्यावहारिक हैं, Dadasaheb Phalke में छोटी-छोटी बातों को याद रखने का अद्भुत सामथ्र्य है। Dadasaheb Phalke के लिये ये छोटी-छोटी बातें इतनी महत्वपूर्ण होती हैं कि इनके कारण Dadasaheb Phalke अपने सहकर्मियों को कभी-कभी परेशान कर देते हैं। Dadasaheb Phalke किसी चहरे को कभी नहीं भूलते हैं, हांलाकि नाम याद रखने में Dadasaheb Phalke अपेक्षाकृत उतने अचूक नहीं हैं।Dadasaheb Phalke एक ऐसे व्यक्ति हैं, जिसे सभी विषयों से जुड़े ‘क्यों व कहां’ जैसे प्रश्नों के उत्तर चाहिए होते हैं। जब तक Dadasaheb Phalke इनसे संतुष्ट नहीं हो जाते है, Dadasaheb Phalke कार्य प्रारम्भ नहीं करते हैं। साथ ही साथ कभी-कभी Dadasaheb Phalke बड़ी चूक कर देते हैं, जिसके कारण लोग Dadasaheb Phalke को ‘काम को टालनेे वाला’ समझते हैं।Dadasaheb Phalke बहुत हीे संवेदनशील हैं और प्रायः आगे बढ़ने के अवसरों पर पीछे लौट जाते हैं। यह Dadasaheb Phalke के नेतृत्व के गुण में बाधक है। Dadasaheb Phalke अपने कार्य करने के कई तरीकों को नापसन्द करते हैं। निश्चय ही Dadasaheb Phalke एक जिम्मेदार व्यक्ति हैं।
Dadasaheb Phalke सकारात्मक सोच वाले और आत्मविश्वासी व्यक्ति हैं। Dadasaheb Phalke सदैव कार्यों के सही होने की आशा करते हैं व वर्तमान परिणाम को जाने देने की क्षमता रखते हैं। Dadasaheb Phalke दयालु तथा सहिष्णु हैं, व्यावहारिक हैं एवं सूक्ष्म गहराइयों में जाकर किसी भी अवधारणा को पूर्णतः समझते हैं। जीवन के प्रति Dadasaheb Phalke विश्वास और दार्शनिक दृष्टिकोण रखते हैं, जो कि जीवन मेें Dadasaheb Phalke को कई मौके देता है और सफलता पाने में Dadasaheb Phalke की मदद करता है।Dadasaheb Phalke के अंदर गजब की फुर्ती है और Dadasaheb Phalke जीवन में कुछ प्राप्त करना चाहते हैं, लेकिन अपने स्वयं के बनाए विरोधाभासों में फँस कर Dadasaheb Phalke अपनी शिक्षा से विमुख हो सकते हैं। ऐसे में Dadasaheb Phalke को इन सभी बातों को त्याग कर खुले दिल से सोचना चाहिए। Dadasaheb Phalke को यह समझना चाहिए कि जो Dadasaheb Phalke हैं, Dadasaheb Phalke उससे भी बेहतर हो सकते हैं और उसके लिए Dadasaheb Phalke को अपनी शिक्षा का दायरा बढ़ाना होगा। यदि Dadasaheb Phalke एक योजना बना कर शिक्षा प्राप्त करेंगे तो Dadasaheb Phalke को जबरदस्त सफलता हासिल होगी। Dadasaheb Phalke जो कुछ भी जानते हैं उसे अन्य लोगों के समक्ष प्रस्तुत करना पसंद करते हैं। वास्तव में यहीं से Dadasaheb Phalke सीखना प्रारंभ कर रहे हैं। क्योंकि जब Dadasaheb Phalke थोड़ा भी जान जाते हैं और उसे लोगों के समक्ष प्रस्तुत करते हैं तो ऐसा करने से वह Dadasaheb Phalke के चित्त की स्मृतियों में अंकित हो जाता है और यही Dadasaheb Phalke को अपनी शिक्षा में मदद करता है। Dadasaheb Phalke वास्तव में ऐसी शिक्षा प्राप्त करेंगे जो जीवन में Dadasaheb Phalke को एक अच्छा मुकाम दिलाने में सहायक होगी और Dadasaheb Phalke को मानसिक रुप से भी संतुष्टि प्रदान करेगी।
बच्चे Dadasaheb Phalke को अपने लक्ष्य निर्धारित करने और उन्हें प्राप्त करने में अत्यधिक प्रेरणा देते हैं। Dadasaheb Phalke को उनके प्रति कर्तव्य का अनुभव करना चाहिए। इस प्रेरणा का Dadasaheb Phalke को पूर्णतः प्रयोग करना चाहिए, लेकिन ये ध्यान रखें कि Dadasaheb Phalke वही कर रहे हैं जो Dadasaheb Phalke करना चाहते हैं तथा सिर्फ उन्हें अपने कर्तव्यों के कारण ही नहीं कर रहे हैं।