दत्ता डावजेकर
Nov 15, 1917
7:00:00
Sumare
47 E 15
22 N 50
-3
Kundli Sangraha (Tendulkar)
सटीक (स.)
दत्ता दवजेकर के कुछ हद तक दार्शनिक चरित्र के हैं। दत्ता दवजेकर एक विशाल हृदय वाले व्यक्ति हैं हालांकि थोड़े से मुंहफट भी हैं। दत्ता दवजेकर काफी हद तक आत्मसम्मान के प्रति सचेत हैं और जो लोग दत्ता दवजेकर के इस चारित्रिक गुण को समझते हैं, वे दत्ता दवजेकर के अच्छे मित्र होते हैं।दत्ता दवजेकर उच्च आदर्श रखते हैं, जिन्हें प्रायः वास्तविकता के धरातल पर नहीं उतारा जा सकता। परन्तु जब दत्ता दवजेकर इसमें विफल होकर निराश हो जाते हैं तो दत्ता दवजेकर इसी कारण अत्यन्त हीे व्यग्र हो जाते हैं, इसलिये दत्ता दवजेकर समय से पूर्व ही कार्य के प्रति उदासीन हो जाते हैं। परिणामस्वरूप, दत्ता दवजेकर जीवन में न तो सफलता और न ही प्रसन्नता, आराम की प्राप्ति कर पाते हैं, जो कि दत्ता दवजेकर के गुणों को देखते हुए प्राप्त होनी चाहिए।दत्ता दवजेकर जनता के समक्ष अपने दत्ता दवजेकर को अभिव्यक्त करना जानते हैं और भगवान ने दत्ता दवजेकर को प्रसन्नमुखी होने का वरदान दिया है। हंसमुख होने के कारण दत्ता दवजेकर के अनेक मित्र हैं और दत्ता दवजेकर उनका समय-समय पर मनोरंजन करते रहते हैं। दत्ता दवजेकर के ऊपर दत्ता दवजेकर के दोस्तों का प्रभाव देखा जा सकता है, लेकिन यह नितान्त आवश्यक है कि दत्ता दवजेकर बुद्धिमत्तापूर्ण अपने मित्रों को चुनें।दत्ता दवजेकर की विफलता का सबसे बड़ा कारण यह है कि दत्ता दवजेकर बहुआयामी हैं, जिस कारणवश दत्ता दवजेकर की शक्ति बहुत सी दिशाओं मेें विभक्त हो जाती है। कृपया एक ही दिशा में विचारपूर्वक कार्य करें, जिससे दत्ता दवजेकर को अत्यन्त प्रसन्नता और लाभ प्राप्त होगा।
दत्ता दवजेकर को प्रायः निराशा का सामना करना पडता है और दत्ता दवजेकर को अधिक की उम्मीद रहती है। दत्ता दवजेकर के इतने परेशान रहने के कारण दत्ता दवजेकर को जिन बातों का डर लगता है वह प्रायः घटित हो जाती हैं। दत्ता दवजेकर बहुत शर्मीले हैं, और स्वयं की अनुभूति एवं भावनाओं को व्यक्त करने में दत्ता दवजेकर परेशानी महसूस करते हैं। यदि दत्ता दवजेकर अपनी सारी सांसारिक समस्याओं को भूलकर प्रतिदिन कुछ क्षण ध्यान मुद्रा में बैठेंगे, तो पायेंगे कि दुनिया उतनी बुरी नहीं है जितनी प्रतीत होती है।दत्ता दवजेकर एक ही स्थान पर टिककर रहने वालों में से नहीं होंगे और इसी वजह से अधिक समय तक अध्ययन करना दत्ता दवजेकर को रास नहीं आएगा। इसका प्रभाव दत्ता दवजेकर की शिक्षा पर पड़ सकता है और उसके कारण दत्ता दवजेकर की शिक्षा में कुछ रुकावटें आ सकती है। अपने आलस्य पर विजय प्राप्त करने के बाद ही दत्ता दवजेकर शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। दत्ता दवजेकर के अंदर अज्ञात को जानने की तीव्र उत्कंठा है और दत्ता दवजेकर की कल्पनाशीलता दत्ता दवजेकर को अपने विषयों में काफी हद तक सफलता दिलाएगी। इसका दूसरा पक्ष यह है कि दत्ता दवजेकर को अपनी एकाग्रता को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए ताकि जब दत्ता दवजेकर अध्ययन करने बैठें तो दत्ता दवजेकर को किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े और दत्ता दवजेकर की स्मरण शक्ति भी दत्ता दवजेकर की मदद करे। यदि दत्ता दवजेकर मन लगाकर मेहनत करेंगे और अपनी शिक्षा के प्रति आशान्वित रहेंगे तो कितने भी व्यवधान आएं, दत्ता दवजेकर अपने क्षेत्र में सफल होकर ही रहेंगे।
दत्ता दवजेकर की सफलता में दत्ता दवजेकर के सहकर्मी प्रेरणा का काम करते हैं। अतः अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए दत्ता दवजेकर अन्य लोगों पर निर्भर रह सकते हैं।