दत्ता डावजेकर
Nov 15, 1917
7:00:00
Sumare
47 E 15
22 N 50
-3
Kundli Sangraha (Tendulkar)
सटीक (स.)
दत्ता डावजेकर के अनुसार विवाह जीवन का हिस्सा है, जिसे घटित होना ही है। साधारणतः दत्ता डावजेकर विवाह-बन्धन से अधिक मित्रता को मानते। सामान्यतः, दत्ता डावजेकर प्रेम पत्र नहीं लिखेंगे और जितना कम रोमांस दत्ता डावजेकर के प्रेम प्रसंग में आएगा, उतना ही अच्छा है। पर इससे ये निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए कि विवाह के प्रति दत्ता डावजेकर का दृष्टिकोण सम्बन्ध-विच्छेद से प्रभावित है। इसके विपरीत यदि एक बार दत्ता डावजेकर विवाह बन्धन में बंध गये, तो दत्ता डावजेकर इस सम्बन्ध को सामंजस्यव मानवतापूर्ण बनाने का प्रयास करेंगे, जोकि विवाह के कई सालों बाद भी जारी रहेगा।
दत्ता डावजेकर की स्वास्थ्य-संरचना बहुत अच्छी है, लेकिन दत्ता डावजेकर स्नायु-विकार एवं अपच से पीडि़त रह सकते हैं। पहले का कारण दत्ता डावजेकर की जरूरत से ज्यादा संवेदनशील प्रकृति है। दत्ता डावजेकर अपेक्षाकृत शीघ्रता से अपनी जीवन-ऊर्जा खो देते है और वह जीवन, दत्ता डावजेकर जिसका आनन्द लेते हैं, इसमें दत्ता डावजेकर की कोई मदद नहीं करता। अति भोग, अपच का मुख्य कारण है। अपच का मुख्य कारण अधिकता में लिया गया भोजन है। जो दत्ता डावजेकर खाते हैं, या तो वह बहुत भारी होता है या दिन में बहुत देरी से लिया हुआ होता है।
दत्ता डावजेकर मानसिक रुचियों से समृद्ध हैं एवं व्यवस्थित कला दत्ता डावजेकर के लिये बहुत महत्वपूर्ण है। दत्ता डावजेकर अवकाश की योजना बनाने में अधिक आनन्द महसूस करते हैं, अपेक्षाकृत कि वास्तविक अवकाश पर जाने में। दत्ता डावजेकर पुस्तकों और अध्ययन से प्रेम करते हैं एवं संग्रहालय में घूमने का मजा उठाते हैं। दत्ता डावजेकर का पुरानी वस्तुओं की ओर विशेष झुकाव है, खासकर कि अत्यधिक प्राचीन वस्तुओं की ओर।